मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। सोमवार को नए साल के दिन ही मणिपुर में थौबल के लेंगोल पहाड़ी में गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में 4 लोगों की मौत हो गयी जबकि तकरीबन 11 लोग घायल हो गयें। इसके बाद 5 घाटी जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पीटीआई के अनुसार कुछ लोग छद्म भेष में बन्दूक लिए आए और दनादन स्थानीय लोगों पर गोली चला दी। हालांकि अभी गोली चलाने वालों की पहचान नहीं हो पाई है। वहीँ गुस्साए भीड़ ने तीन गाड़ियों और कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति को बिगड़ता देख राज्य के थौबल, मणिपुर पूर्वी, मणिपुर पश्चिमी, काकचिंग और विष्णुपुर जिले में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने एक विडियो के जरिये हिंसा की निंदा की और लोगों से शांति की अपील की, विशेषतः लेंगोल की जनता से। उन्होंने आगे कहा कि दोषियों को ढूंढकर उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। बताते चलें कि 3 मई को भड़की यह हिंसा रह रह के उग्र रूप लेती आ रही है, जिसमे 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, वहीँ सैकड़ों घायल हुए हैं और हज़ारों की संख्या में बेघर भी हुए हैं। दरअसल 53 फीसदी वाले बहुसंख्यक समुदाय के मैतेई लोगों के लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का केंद्र सरकार ने प्रस्ताव लाया था। इसके विरोध में कुकी और नगा आदिवासियों (जिनकी संख्या 40% के लगभग है ) ने आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला था। उसी समय से दोनों समुदायों के बीच टकराव जारी है।