पुलिस को किया गया अलर्ट ,सीमावर्ती इलाकों में बढाई चौकसी
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार 27 दिसम्बर 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि नए साल पर शराबबंदी का सख्ती से पालन होगा। इसके लिए स्पेशल फ़ोर्स तैनात होंगे जो प्रदेश के सभी भागों में निगेबानी करेंगे। विशेषकर सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था को टाइट रखा जा रहा है, ताकि नए वर्ष के उपलक्ष्य में पडोसी या बाहर के अन्य राज्यों से शराब की तस्करी न होने पाए। मंत्री ने कहा कि क्रिसमस के अवसर पर भी हमने शहर के पुलिस बल को चौकन्ना कर रखा था। कोई भी कानून तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जायेगा। गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है। इसके तहत शराब बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध है। उन्होंने आगे बताया, जैसा कि संसोधित कानून के अनुसार पहली बार अगर कोई शराब पीते पकड़ा जाता है, तो उसे कानूनी प्रक्रिया द्वारा बेल की अनुमति है, परन्तु दूसरी बार से उसके खिलाफ कडा कदम उठाया जायेगा। वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के शराबबंदी खत्म करने वाले बयान पर मंत्री ने कहा कि उन्होंने भी इसके पक्ष में वोट डाला था। जब तक हमलोगों के साथ थे तो कुछ नहीं बोले थे, अब जब बीजेपी की गोद में चले गए हैं तो उनकी प्रतिक्रिया भी वैसी ही होगी। मांझी बस सुर्ख़ियों में रहने केलिए ये सब उलुल-जुलूल बातें बोलते रहते है। इससे पहले सोमवार को हुए प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री सुनील कुमार ने शराबबंदी संसोधन के सवाल पर कहा था कि कोई भी कानून पत्थर की लकीर नहीं होता। जरूरत पड़ने पर आवश्यक सुधार होते रहते हैं। शराबबंदी पर से बैन हटने की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने इसे राजनीतिक एवं भ्रामक बयानबाजी बताया था। आज के प्रेस कांफ्रेंस में भी मंत्री ने कुछ ऐसा ही कहा है। हाल में जहरीली शराब से हुई मौत पर मंत्री ने कहा था कि 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के पहले भी बिहार में जहरीली शराब से मौतें होती रही हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया था कि भोजपुर में 2012-13 में 21 लोग, कैमूर में 2009 में 4, 1998 में कटिहार में 35 लोगों की मौत हुई थी।