उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव की सपा, कांग्रेस और RLD के बीच मतभेद सामने आ रहे हैं। सपा ने कांग्रेस को 11 और RLD को 7 सीटें देने की पेशकश की है, जबकि कांग्रेस 22 सीटें और RLD 8 सीटें चाहती है।
सपा का पक्ष:
सपा का कहना है कि उसने कांग्रेस और RLD को उचित सीटें दी हैं और सीट बंटवारे का फैसला अंतिम है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “हमने कांग्रेस को (उत्तर प्रदेश में) 11 सीट और राष्ट्रीय लोक दल को सात सीट दी हैं। सपा लोकसभा चुनाव में 62 सीट पर चुनाव लड़ेगी।”
कांग्रेस का पक्ष:
कांग्रेस का कहना है कि उसे 2009 में जीती गई 21 सीटों से कम नहीं दिया जा सकता। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “सीट बंटवारे को लेकर सकारात्मक बातचीत चल रही है। हम चाहते हैं कि पार्टी राज्य में 22 से अधिक सीट पर चुनाव लड़े जो उसने 2009 के लोकसभा चुनावों में जीती थीं। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस बारे में बात कर रहा है।
RLD का पक्ष:
RLD का कहना है कि उसे 7 सीटों से कम नहीं दिया जा सकता और वह देवरिया सीट से भी चुनाव लड़ना चाहती है। RLD के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “रालोद देवरिया लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ना चाहती है। हमारे वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने वर्ष 2004 में कांग्रेस के टिकट पर वहां से चुनाव लड़ा था और अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी थी। 2019 में सपा ने वह सीट बसपा को दे दी थी। कुल मिलाकर राजनीतिक समीकरण रामाशीष राय के पक्ष में है और इससे आश्चर्यजनक परिणाम मिल सकते हैं।”
उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर सपा, कांग्रेस और RLD के बीच मतभेद अभी भी सुलझे नहीं हैं। यह देखना बाकी है कि क्या ये दल चुनाव से पहले अपनी मतभेदों को दूर कर पाते हैं या नहीं