बिहार के बेगूसराय में हुए पीएम के संबोधन कार्यक्रम के दौरान मंच पर चिराग पासवान नहीं देखे गए थे। जबकि पशुपति पारस और प्रिंस पासवान उनके बगल में बैठे हुए थे। ऐसे में चर्चा थी कि मोदी ने चिराग की जगह पशुपति पारस पर अपना भरोसा जताया है। लेकिन अब इन बातों पर संकट नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्यों कि पशुपति पारस के पाले में गिरने वाली नवादा सीट पर इस बार बीजेपी अपनी दावेदारी पेश करेंगी।
मिली जानकारी के अनुसार, जिले को लोगों में ऐसी चर्चा है कि इस बार नवादा की सीट बीजेपी खुद रखने वाली है। हालांकि अभी तक इसी कोई अधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है, लेकिन कहा जा रहा कि नवादा सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए खास रही है। वहीं, चौक-चौराहे से लेकर चाय की दुकान तक हर कोई अपने पसंद और अनुमान के आधार पर उम्मीदवारों के नाम की चर्चा कर रहे हैं।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के लिए नवादा सीट हमेशा से खास रही है। 2009 और 2014 के चुनावों में यहां से भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे। 2019 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति को यह सीट दे दी गई, लेकिन इस बार नवादा सीट से भाजपा उम्मीदवार तय हो, इसपर भाजपा कार्यकर्ताओं का खासा जोर है। बता दें कि वर्तवान समय में इस सीट पर लोजपा (पशुपति पारस) गुट के चंदन कुमार सांसद हैं।