जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार जातीय जनगणना करवा कर इसका श्रेय खुद लेना चाहती हैं। और लोगों को दिखाना चाहती है कि बीजेपी जातीय गणना के पक्ष में नहीं है। जब जातीय जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने सारे दल गए थे, जिसमें भारतीय जनता पार्टी भी शामिल थी। उस समय भी बीजेपी जातीय जनगणना को लेकर बिहार सरकार के सपोर्ट में थी। इसके बावजूद भी बीजेपी पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना में जल्द सुनवाई की याचिका की खारिज
दरअसल, जातिगत जनगणना पर चार मई को सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक दिया था। वही इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख मुकर्रर की गई। जिसके बाद बिहार सरकार की तरफ से जल्द सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की गई थी। जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
महागठबंधन जनगणना कराकर लेना चाहती है श्रेय
जातीय जनगणना पर रोक लगाए जाने के बाद बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने प्रेस-कॉन्फेंस कर नीतीश पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बीजेपी पर जातीय गणना को रोकने के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों का सही ढ़ग से जवाब नहीं देने की वजह से जातीय गणना को रोकी गई हैं। ना कि बीजेपी की वजह से। ये सभी जानते है कि बीजेपी जातीय जनगणना के सपोर्ट में रही हैं तब भी जब बिहार के सभी दलों प्रधानमंत्री से मिलने गए थे, लेकिन बिहार सरकार जनगणना कराकर इसका श्रेय खुद लेना चाहती है और जनता को दिखाना चाहती है कि बीजेपी जातीय जनगणना के खिलाफ है। जातीय गणना का भारतीय जनता पार्टी विरोध नहीं करती, ऐसी बचकाने बयान महागठबंधन के नेताओ ही कर सकते है।
नीतीश कुमार मन बहलाने के लिए कर रहे राष्ट्रीय स्तर का दौरा
वही सीएम नीतीश की नवीन पटनायक से मुलाकात को लेकर तारकिशोर प्रसाद ने कहा जिस समय से राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को कहा है कि वह देश के प्रधानमंत्री बने और नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के लिए घोषित किया है उसी दिन से नीतीश कुमार अप्रसांगिक हो गए हैं । उसके बाद से ही जदयू और महागठबंधन में भी नीतीश कुमार की बात का असर घटता जा रहा है। जिसकी वजह से नीतीश कुमार अपना मन बहलाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दौरा कर रहे हैं। लेकिन सभी जानते है जो क्षेत्रिय दल है या जहां-जहां इनकी सरकारें है। उनको विपक्षी दलों के राष्ट्रीय एकता से कोई लेना देना नहीं हैं। बंगाल में ममता वनर्जी की अपनी भूमिका है, उड़ीसा में नवीन पटनायक की अपनी भूमिका है।
उड़ीसा से बाहर इनकी क्या भूमिका है। और कांग्रेस इनको बेवकूफ बना रहा है, कांग्रेस कभी भी प्रधानमंत्री के रूप में नीतीश कुमार को स्वीकार नहीं करेगा। वही गिरिराज सिंह के द्वारा बिहार में द केरल स्टोरी टैक्स फ्री करने को लेकर कहा अगर फ्री किया जाता है तो अच्छी बात होगी। लेकिन लगता नहीं है कि बिहार सरकार इसे टैक्स फ्री करेगी। क्योंकि बिहार में अभी जितने भी दल है वो मूसलीम तृष्टिकरन के पक्ष में रहे हैं। और इस फिल्म में मुस्लिम लड़के हिंदू लड़की को फंसा रहे है तो मुझे नहीं लगता की महागठबंधन इस फिल्म को टैक्स फ्री करेगी।