देशभर में समान नागरिक सहिंता(UCC) को लेकर बहस छिड़ी हुई है। केंद्र सरकार UCC को लागू करने की तैयारियों में जुटी हुई दिख रही है। ऐसा माना जा रहा है कि सदन के मानसून सत्र में इस बिल को पेश भी किया जा सकता है। दोनों सदनों से पास होने पर UCC देश में लागू हो जाएगा। खुद प्रधानमंत्री ने भी पिछले दिनों अपने भाषण में इसका UCC का जिक्र कर इस बात के संकेत दे दिए थे। सदन में जब बिल आएगा तब आएगा लेकिन अभी से कई भाजपा विरोधी दल भी UCC के समर्थन में उतर गए हैं। आम आदमी पार्टी ने पहले ही UCC के समर्थन में होने की बात कही है।
उधर शिवसेना भी समर्थन देने को तैयार है। इस लिस्ट में नया नाम बसपा का जुड़ा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने साफ कहा कि उनकी पार्टी UCC के विरोध में नहीं है। लेकिन उन्होंने भाजपा की नियत पर सवाल उठाते हुए नसीहत भी दी है।
मायावती की प्रतिक्रिया
दरअसल मायावती ने आज बकायदा प्रेस क्वोंफ्रेस कर UCC पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 44 में UCC बनाने का प्रयास तो वर्णित हैं मगर इसे थोपने का नहीं है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही भाजपा को देश में UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था। हमारी पार्टी UCC को लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि भाजपा और इनकी सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तरिकेसे सहमत नहीं है।