बिहार में 28 जनवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ था। इस सरकार में नीतीश कुमार के अलावा दो उप मुख्यमंत्री और छह मंत्री शामिल हैं। लेकिन शपथ ग्रहण के बाद महीना भी बदल गया लेकिन अब तक इनमें से किसी को भी विभाग आवंटित नहीं किया गया है।
बिहार के सभी विभागों का प्रभार अभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है। यह नीतीश कुमार के लगभग 18 सालों के कार्यकाल में पहली बार हुआ है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार में किसी भी मंत्री को विभाग आवंटित नहीं किया गया है।
इस बीच, राज्य सरकार ने अपने दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का एलान तो कर दिया है, लेकिन उन्हें अभी तक सरकारी गाड़ी नहीं मिली है। बता दें कि किसी भी उप मुख्यमंत्री या मंत्री को उस विभाग की ओर से गाड़ी दी जाती है, जिसका प्रभार उनके पास होता है।
इस स्थिति से उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों में नाराजगी है। वो जल्द से जल्द विभागों के आवंटन और सरकारी गाड़ियों की मांग कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार विभागों के आवंटन को लेकर अंतिम निर्णय ले रही है। जल्द ही इस संबंध में घोषणा की जा सकती है।
क्या है विभागों के आवंटन में देरी का कारण?
विभागों के आवंटन में देरी के कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह हो सकता है कि सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि प्रत्येक मंत्री को कौन से विभाग दिए जाएंगे। दूसरा कारण यह हो सकता है कि सरकार विभागों के आवंटन को लेकर भाजपा और जदयू के बीच एक समझौता कर रही है।
क्या यह स्थिति सरकार के लिए चुनौती होगी?
विभागों के आवंटन में देरी सरकार के लिए एक चुनौती हो सकती है। बिना विभागों के आवंटन के उप मुख्यमंत्री और मंत्री अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से नहीं कर पाएंगे। इससे सरकार की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।