बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुके हैं। इसके लिए वे लगातार पार्टी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जदयू के सभी विधानसभा प्रभारियों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने बड़ा निर्णय लेते हुए लोकसभा और विधानसभा के सभी प्रभारियों को हटाया गया। खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री आवास पर चल रहे विधानसभा प्रभारी की बैठक नीतीश कुमार ने हर जिले के प्रभारी को उनके दायित्व से मुक्त कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार नीतीश कुमार ने कहा जिला स्तर पर प्रभारी बनाने का निर्देश दिया है। नीतीश कुमार ने कहा है कि जहां हम चुनाव नहीं लड़ते वहां प्रभारी बनाने का क्या फायदा है। जिला स्तर पर ही प्रभारी बनाए जाएं।
उम्मीदवारों को तय करने में प्रभारियों की महत्वपूर्ण भूमिका
दरअसल विधानसभा प्रभारी की भूमिका सीटों को तय करने में और उम्मीदवारों को तय करने में महत्वपूर्ण होती है। इसी उद्देश्य से पार्टी ने विधानसभा प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई थी। जिनसे मुख्यमंत्री ने आज फीडबैक लेकर यह बड़ा फैसला लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा प्रभारी की जानकारी तो मुझे थी ही नहीं। अब हर जिले में विधानसभा सीटों की संख्या के आधार पर प्रभारियों की पूरी टीम होगी। अकेले कोई व्यक्ति किसी एक विधानसभा सीट का प्रभारी नहीं होगा।
2024 और 2025 चुनाव की तैयारी में जुटे हैं नीतीश
नीतीश कुमार 2024 में लोकसभा चुनाव और 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी को अभी से पूरी तरह से तैयार कर लेना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि बिहार में भी महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा बहुत आसान नहीं है। जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार जदयू और राजद बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वर्तमान सीटिंग सीट जदयू लेने की कोशिश करेगी। हालांकि कुछ लोकसभा सीट छोड़ना भी पड़ सकता है और कुछ को बदलना भी पड़ सकता है। इसके लिए भी नीतीश कुमार तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा यदि लोकसभा के साथ विधानसभा का चुनाव हुआ तो नीतीश कुमार उसके लिये भी तैयारी कर रहे हैं।