खगड़िया के पूर्व विधायक रणवीर यादव और उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी यादव (जिला परिषद अध्यक्ष) अदालत ने सजा सुनाई है। एसीजेएम-1 विभा रानी की कोर्ट ने 18 साल पुराने रंगदारी के केस में सुनवाई करते हुए रणवीर यादव और कृष्णा कुमार यादव को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं अदालत ने दोनों को दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अदालत ने कहा कि दंड की राशि अदा नहीं करने पर छह मास जेल में गुजारना होगा।
सदस्यता खत्म करने की मांग
कोर्ट के फैसले के बाद कृष्णा यादव की कुर्सी जाने का खतरा मंडरा रहा है। सरकारी नियमों के मुताबिक कोर्ट द्वारा सजायाफ्ता व्यक्ति जिला परिषद के अध्यक्ष के पद पर नहीं रह सकता। लिहाजा अगर उपरी अदालत ने ससमय सजा पर रोक नहीं लगायी तो कृष्णा यादव की कुर्सी जा सकती है। कोर्ट से फैसला आने के बाद खगड़िया जिला परिषद क्षेत्र संख्या 8 के प्रतिनिधि दीपक कुमार ने खगड़िया डीएम से विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की है। वही सजायाप्ता कृष्णा यादव को अविलंब जिला परिषद अध्यक्ष से निलंबित करने की बात कही है।
पत्नी लड़ने वाली थीं लोकसभा चुनाव
कोर्ट के फैसले के बाद इस मसले पर स्थानीय मीडिया से बात करते हुए रणवीर यादव ने कहा कि ये मेरे और मेरी पत्नी का राजनीतिक करियर समाप्त करने की साजिश है। रणवीर यादव ने कहा कि इस केस में कोई साक्ष्य नहीं है। पूर्व विधायक रणवीर यादव ने कहा कि कृष्णा यादव लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने वाली थीं और उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए साजिश की गयी है।