जेल से रिहा होने के बाद आनंद मोहन पहली बार किसी सभा को संबोधित किया। बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने अररिया पहुंचे आनंद खूब दहाड़े। आनंद मोहन ने मंच से कहा कि अब इतना जलील मुझे मत करो, इतना अपमानित ना करो। झूठे आरोप मत लगाओं। बेहतर है कि सुली पर चढ़ा दो और मुझे गोली से उड़ा दो, आनंद मोहन उफ तक नहीं करेगा।
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पहली बार सभा को किया संबोधित
आनंद मोहन ने कहा कि मेरा विश्वास कानून पर है। मुझे इस बात का कोई गम नहीं है की 15 साल जेल में बिताया हूं। अगर मेरे बारे में जानना चाहते हैं तो नवीन पटनायक से पूछिए। जॉर्ज फर्नांडिस से पूछिए मैं क्या चीज हूं। मैं हमेशा से सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति हूं। उन्होंने कहा कि लवली आनंद संसद में चिल्ला-चिल्ला कर कहती रही कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराएं। अगर मेरे पति दोषी हैं तो उन्हें फांसी की सजा दे दें। वहीं उनकी पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा हमने 15 साल बिना उनके गुजारा है। किस भय के माहौल में हमारे बच्चे जिये हैं, इसको बताना संभव नहीं।