केंद्र की मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। 18 से 22 सितंबर तक चलने वाली विशेष सत्र में कुल पांच बैठकें होनी है। केंद्र सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर अब सियासत तेज हो गई है। जेडीयू ने कहा है कि केंद्र सरकार ने जिस दिन विशेष सत्र बुलाया है उस दिन गणेश चतुर्थी है, ऐसे में तुष्टिकरण का आरोप लगाने वाली बीजेपी को बताना चाहिए कि हिंदू विरोधी कौन है। पटना के जेडीयू प्रदेश कार्यालय में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा और अंजुम आरा ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह बातें कही।
संसदीय मामले की कमेटी करती है फैसला
नीरज कुमार ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि गणेश चतुर्थी के समय संसद का विशेष सत्र क्यों बुलाया गया? दूसरा सवाल यह है कि देश की संसद के अपमान का यह कौन सा राजनीति का संस्कार बीजेपी को हो गया है। आजाद हिंदुस्तान की पहली सरकार है जो किसी कानून पर बहस करने या फिर नया कानून बनाने के लिए संसद का विशेष सत्र बुला रही है। संविधान का अनुच्छेद 85 ए में है कि कैबिनेट की सलाह पर देश के राष्ट्रपति संसद का सत्र बुला सकते हैं। फैसला संसदीय मामले की कैबिनेट कमेटी करती है और 9 मंत्रालय के मंत्री इसके सदस्य होते हैं। संसदीय कार्य मंत्री जी बताइए कि 9 विभागों के मंत्रियों की जो समिति है उसकी बैठक कब हुई। जो बाबा साहेब का संविधान कहता है उसका क्या हुआ?