लोकसभा चुनाव होने से पहले ही झारखंड में रिश्तों की दीवारें दरकने लगी है। कल तक जो साथ थे आज वही रास्ते का कांटा बन बैठे है। जीत की चाह इतनी है कि आपसी रिश्तों को दरकिनार कर दिया गया है। अब केंद्र सिर्फ अपनी राजनीतिक वर्चस्व को बरकरार रखना है। उक्त बातें सीता सोरेन और कल्पना सोरेन पर पूरी तरह से फीट बैठ रही है।
JMM का तीर धनुष त्याग कर BJP का कमल थामने वाली सीता सोरेन के लिए इस बीच हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन बड़ी मुसीबत खड़ी कर रही है। शिबू सोरेन की बड़ी और छोटी बहू के बीच की यह राजनीतिक रार परिवारिक दीवारों को तोड़ने का काम कर रही है। एक तरह जहां सीता सोरेन खुद को सोरेन परिवार का वारिस बता वोट मांग रही है। तो वहीं कल्पना सोरेन भी छोटी बहू बन सबसे आशीर्वाद मांग रही है।
इस बीच सीता सोरेन ने अपनी पति की मौत की CBI जांच कराने की मांग कर दी है, जिससे कल्पना और हेमंत सोरेन को एक बार फिर से परेशानियों का सामने करना पड़ सकता है। अब पति दुर्गा सोरेन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत की जांच का मामला उठाते हुए उन्होंने परिवार व पार्टी की टेंशन बढ़ा दिया है।
वहीं, संथाल को झामुमो का गढ़ माना जाता है। दुमका से शिबू सोरेन लोकसभा चुनाव जीतते रहे हैं। झामुमो के मुखिया शिबू सोरेन की सेहत ऐसी नहीं कि वे चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर सकें। उनकी पत्नी रूपी सोरेन भी अस्वस्थ हैं। झामुमो के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल में हैं। ऐसी हालत में पार्टी के अंदर नेतृत्व का संकट है। इस संकट से निपटने के लिए छोटी बहू पार्टी का बड़ा चेहरा बन सकती हैं।
इधर, इसी सीट से सीता सोरेन भाजपा का चेहरा बन परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली है। ऐसे में कल्पना सोरेन उनको हराने के लिए मतदाताओं से वोट मांगेंगी। कल्पना गांडेय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ने वाली हैं। विधायक सरफराज आलम के इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली है।