जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष Upendra Kushwaha ने पार्टी नेतृत्व पर जो सवाल उठाए हैं, उससे उनके प्रति आक्रोश बढ़ने लगा है। उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड नंबर 1 पार्टी नहीं बन रही है। यह लगातार कमजोर हो रही है। इसे मजबूत करने की गंभीर कोशिश नहीं हो रही है। निश्चित तौर पर ये आरोप जदयू के संगठन की जिम्मेदारी लेने वाले नेताओं पर है। इसमें बिहार के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा से लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तक शामिल हैं। उपेंद्र कुशवाहा के ऐसे खुले आरोप पर पार्टी के नेता असहज हो रहे हैं। अभी तक कुशवाहा के खिलाफ कोई माहौल तो नहीं बना है। लेकिन उनके बयान को गलत बनाने की शुरुआत हो गई है।
नीतीश-ललन से नाखुश उपेंद्र कुशवाहा अब पछता रहे अपने फैसले पर
ललन सिंह ने दिया दो टूक जवाब
उपेंद्र कुशवाहा का आरोप है कि पार्टी की स्थिति खराब हो रही है। लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष Lalan Singh को ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा है। वे पार्टी की प्रगति से खुश हैं। संतुष्ट हैं कि जदयू लगातार प्रगति कर रहा है। उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर जब ललन सिंह से मीडिया ने उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने दो टूक जवाब दे दिया है। उपेंद्र कुशवाहा की सोच पर सवाल उठाते हुए ललन सिंह ने जवाब दिया कि पार्टी पीछे नहीं जा रही है। पार्टी लगातार आगे बढ़ रही है।
नई टकराहट के संकेत?
ललन सिंह ने जिस साफगोई से उपेंद्र कुशवाहा का बिना नाम लिए उनकी बात को काट दिया है, उससे जदयू में नई टकराहट के संकेत मिलने लगे हैं। जदयू में उपेंद्र कुशवाहा असहज, असहाय और अस्थिर हो गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा चाहते हैं कि वो आगे बढ़ कर काम करें। लेकिन उनका ही कहना है कि उन्हें किनारे रखा गया है। बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा बिहार की सरकार में डिप्टी सीएम पद के ख्वाहिशमंद थे लेकिन नीतीश कुमार ने उनकी सोच पर पूर्ण विराम लगा दिया। चर्चा यह भी रही है कि वे संगठन में बड़ा पद यानि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के भी दावेदार रहे हैं तो उस पर भी दिसंबर में ललन सिंह की दुबारा ताजपोशी के बाद पूर्ण विराम लग गया।