जाति जनगणना का डाटा जारी होने के बाद से ही बयानबाजी शुरु हो गई है। जातियों की संख्या को लेकर उनके अधिकार की मांगे होने लगी है, वही सुशील मोदी ने इसमें बीजेपी की भूमिका बताई थी जिसको लेकर इसी बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। पिछड़े जातियों की संख्या सबसे अधिक है इसपर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सरकार पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए पहले से सरकार कई योजनाएं चला रही है और आगे भी उनके अधिकारो और उत्थान के लिए लगातार योजनाएं चलेगी। बिहार की सरकार न्याय के साथ विकास की बात करती है। जातीय गणना के बाद बिहार की सरकार पिछड़े और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए जो भी प्रयास करना होगा जरूर करेगी।
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“गणना के लिए बिहार सरकार की जितनी तारीफ की जाए कम है“
जातीय गणना को लेकर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने इसमें बीजेपी की भागीदारी बताई थी, उनका कहना है कि इसमें एनडीए की सरकार ने इसका फैसला लिया था इसमें कांग्रेस और राजद की कोई भूमिका नहीं है, जिसको लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए ललन सिंह ने कहा कि इसके लिए बिहार सरकार की जितनी तारीफ की जाए उतना कम है। जातीय गणना को रोकने के लिए केंद्र सरकार और बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन महागठबंधन की सरकार ने इस सर्वे को पूरा किया और रिपोर्ट भी सार्वजानिक किया, और अब सुशील मोदी बोल रहे हम लोगों की पहल से गणना शुरु हुआ, वह छपास रोग से ग्रसित है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई नेता प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से मिले थे गणना करवाने के लिए, लेकिन बीजेपी वालों ने इसे स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद बिहार सरकार ने जाती आधारित गणना कारवाई।
“PM को पार्लियामेंट में इवेंट मैनेज करने की क्या जरूरत थी”
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने महिला आरक्षण बिल को ढोंग बताते हुए कहा कि जब सरकार को महिला आरक्षण 10 साल के बाद लागू करना था तो फिर पार्लियामेंट में इवेंट मैनेज करने की क्या जरूरत थी, इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को इवेंट मैनेजर बताया। वहीं पत्रकारों पर रेड की खबर को लेकर ने कहा कि मीडिया के जो हेड है वो लोग गृहमंत्री के ग्रीप में है, जो मीडिया बीजेपी की आलोचना करेगा उनके यहां पर एजेंसी का छापा मारवाया जाता है। वहीं पार्टी की टूट पर सुशील मोदी पर तंज करते हुए ललन सिंह ने कहा कि “बिल्ली के भागे शिकहर नहीं टूटता है” सुशील मोदी जी अपना पीठ थपथपाएं और इंतजार करें कि केंद्र सरकार उन्हें इसका इनाम देगी।