लोकसभा चुनाव 2024 में परिवारवाद का आरोप तो सभी पार्टियां लगाती हैं लेकिन किसी को इससे गुरेज भी नहीं है। बिहार में तो लालू यादव पर लगने वाला सबसे बड़ा आरोप ही परिवारवाद का है। इस बार भी लालू यादव की दो बेटियां लोकसभा चुनाव में उतर रही हैं। परिवारवाद के आरोपों में यूपी भी पीछे नहीं है। अखिलेश यादव पर परिवारवाद का बड़ा आरोप लगता रहा है। वहीं कांग्रेस पर भी परिवारवाद का आरोप नया नहीं है। भाई-भतीजावाद करने का आरोप तो साधारण सी बात है, लेकिन इस बार जीजावाद चलन में है। एक ओर बिहार में चिराग पासवान ने अपने जीजा अरुण भारती को जमुई सीट से मैदान में उतारा है। तो दूसरी ओर राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा अमेठी से चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे हैं।
दरअसल, अमेठी और रायबरेली कांग्रेस का गढ़ तो मानी जाती है लेकिन दोनों किलों से गांधी परिवार उखड़ चुका है। अमेठी में राहुल गांधी हार कर वायनाड खिसक चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने वायनाड से ही संसद की दूरी तय की थी। इस बार भी वायनाड से राहुल गांधी ने नामांकन कर दिया है। दूसरी ओर रायबरेली से लगातार सांसद बनती रहीं सोनिया गांधी भी अब राज्यसभा में प्रवेश कर चुकी हैं तो वो सीट भी खाली है। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस ने अभी उम्मीदवार तय नहीं किए हैं। लेकिन अब लगता है अमेठी से रॉबर्ट वाड्रा की एंट्री हो सकती है।
प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि “अमेठी के लोग चाहते हैं कि उनके निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करूं। सालों तक गांधी परिवार ने रायबरेली, अमेठी में कड़ी मेहनत की है। अमेठी के लोग वास्तव में वर्तमान सांसद स्मृति ईरानी से परेशान हैं। मतदाताओं को लगता है कि उन्होंने उन्हें (स्मृति ईरानी को) चुनकर गलती की है।” रॉबर्ट वाड्रा के इस बयान पर कांग्रेस की मुहर तो नहीं लगी है लेकिन वाड्रा के बयानों ने देश की राजनीति में जीजावाद का तड़का लगा दिया है।