बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू पिछले एक साल से इस अभियान में जुटी है कि भाजपा की केंद्र वाली सत्ता को हटा सके। इसके लिए गठजोड़ से लेकर विलय तक के रास्तों को अलग अलग वक्त में आजमाया गया। लेकिन हकीकत यह है कि सारे बंधनों को तोड़कर नीतीश कुमार के साथ एक हो जाने की कोई कोशिश सफल नहीं हुई। गठबंधन की कोशिश जरुर सफल हुई है, जो I.N.D.I.A. के स्वरूप में दिख रही है। लेकिन नीतीश कुमार द्वारा विलय के एक नहीं दो प्रयास दो दलों ने अस्वीकार किए। ये प्रस्ताव अस्वीकार ही नहीं हुए बल्कि इन दोनों दलों ने भाजपा से हाथ मिला लिया है।
देवगौड़ा ने कहा, नीतीश ने दिया था विलय का प्रस्ताव
पूर्व प्रधानमंत्री व जनता दल सेक्युलर (JDS) सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने कहा है कि 4 माह पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे जदयू में अपनी पार्टी का विलय करने का प्रस्ताव दिया था। जब इस पर असहमति हुई तो नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A. में शामिल होने का प्रस्ताव भी दिया। लेकिन मैंने इससे भी इनकार कर दिया क्योंकि कांग्रेस से उन्हें धोखा के अलावा कोई उम्मीद नहीं। एचडी देवगौड़ा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया है कि नीतीश कुमार जनता दल वाली पार्टियों के साथ जनता फ्रीडम फ्रंट (JFF) बनाना चाहते थे। लेकिन मैंने इनकार कर दिया। बता दें कि जेडीएस एनडीए में शामिल हो चुकी है।
![](https://www.insiderlive.in/wp-content/uploads/2023/10/image-4.png)
हम (सेक्युलर) को भी दिया था प्रस्ताव
जेडीएस की तरह विलय का प्रस्ताव नीतीश कुमार ने हम (सेक्युलर) को भी दिया था। लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही मिली थी। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी हम (सेक्युलर) के विलय से इनकार कर दिया था। मांझी ने साफ कहा कि उनकी पार्टी का विलय नहीं होगा। नीतीश मंत्रिमंडल से हम (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया। उसके बाद अब हम (सेक्युलर) भी एनडीए का हिस्सा बन चुकी है।