मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूरा फोकस इस वक्त 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। यही वजह है की विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिसको लेकर वह विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मिल चुके हैं। पिछले एक महीने के अंदर वो कई दलों के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। वह अपनी रणनीति के तहत गैर-बीजेपी मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी रणनीति के तहत नीतीश कुमार आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकत करेंगे। संभावना यह भी है कि इस बातचीत के दौरान पटना में विपक्ष की बैठक की तारीख भी तय हो सकती है। नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहेंगे।
नीतीश की मंत्री का रोब, ‘गुंडागर्दी’ पर उतरा बॉडीगार्ड
कर्नाटक में सभी एक साथ नजर आए थे
बता दें कर्नाटक में सीएम शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सभी नेता एक साथ नजर आए थे। लेकिन उस दौरान बिहार में प्रस्तावित बैठक को लेकर चर्चा नहीं हो सकी थी। जिसके बाद नीतीश-तेजस्वी दिल्ली पहुंचे थे। जहां रविवार को वह अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे थे। इस दौरान नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर जोरदार हमला किया था। पटना में विपक्षी दलों की बैठक कराने की सलाह बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दी थी। जिसके बाद अब तक नीतीश कुमार ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उन्होंने बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसके अलावा वह शरद पवार और उद्धव ठाकरे को भी बैठक में आने का निमंत्रण दे चुके हैं।
आखिरी बार 12 अप्रैल को मिले थे
नीतीश कुमार और तेजस्वी ने आखिरी बार 12 अप्रैल को खड़गे और राहुल से मुलाकात की थी। वहीं पिछले महीने नीतीश कुमार ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वामपंथी नेताओं सीताराम येचुरी और डी राजा से भी चर्चा की थी। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख के चंद्रशेखर राव और वाईएसआरसीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से नहीं मिल पाए हैं।