[Team Insider]: सम्राट अशोक(Samrat Ashok) का अपमान (Insult) करने के विरोध में महात्मा फुले समता परिषद की ओर से आज यानी 25 जनवरी को वैशाली से पटना कुम्हरार तक शौर्य यात्रा निकाली जा गई थी। जहां जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा सहित तमाम कुशवाहा समाज के नेता इसमें शामिल हुए थे।
उपेन्द्र कुशवाहा का बयान
वहीं उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सम्राट अशोक का अपमान किसी भी हालत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि अपमान करने वाले ने अभी तक माफी नहीं मांगी है। हम लगातार इस बात का विरोध करेंगे की कोई भारत के गौरव को अपमानित करें। हमारी पार्टी की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे है कि साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा को दिए गए पुरस्कारों की वापसी हो। कुशवाहा ने कहा हम उनकी टिपण्णी का विरोध करते है। साथ ही उन्होंने कहा दया प्रकाश कि किताब पर भी प्रतिबंध लगाया जाए, इस मांग को लेकर हमलोग पहले से ही आंदोलन कर रहे हैं। इसी क्रम में आज यह यात्रा वैशाली से पटना कुम्हरार तक निकाली गई है।
इतिहास को कलंकित करने की कोशिश
उपेन्द्र कुशवाहा ने बताया देश में अलग अलग विचार धाराओं के लोग होते है, लेकिन सम्राट को अपमानित करने वाले लोग कही न कही कोई साजिश कर रहे है और हमारे इतिहास को कलंकित करने की कोशिश कर रहे हैं। उस कोशिश को हम नाकाम करेंगे। कुशवाहा ने कहा कि जिसने अशोक पर ऐसी टिपण्णी कि है या आगे करेंगे वो सभी केवल साजिश कर रहे हैं।साथ ही उन्होंने बताया भाजपा ने भी इस मुद्दे पर उनका समर्थन किया हैं। कुशवाहा ने कहा यह कोई पार्टी का कार्यक्रम नहीं है बल्कि एक सगंठन का कार्यक्रम है, जिसमें अलग अलग दल के लोग मौजूद होंगे।
इसलिए निकाली गयी अशोक यात्रा
साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा ने अपनी रचनाओं में सम्राट अशोक, महान शख्सियत के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी की है। बता दें की सम्राट अशोक ने दुनियाभर में शान्ति के संदेश फैलाए है। उनके विरुद्ध आधारहीन बातें लिख कर न केवल बिहार के स्वाभिमान को ललकारा गया है बल्कि भारत के अस्तित्व पर भी हमला किया गया है। जिस वजह से सम्राट अशोक शौर्य यात्रा आयोजित की गयी है। इसपर नेताओं ने कहा कि भारत के स्वाभिमान चक्रवर्ती सम्राट अशोक के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी को भारत की जनता कभी सहन नहीं कर सकती।