शिक्षा विभाग सभी विश्वविद्धायल में कार्रवाई करने वाली है। यह कार्रवाई उन कॉलेजों पर की जाएगी। जिनमें या तो गलत तरीके से पैसे खर्च किए जा रहे है। या फिर शिक्षक, कर्मी गलत तरीके कार्यरत है। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों की जांच की जाएगी। शिक्षा विभाग ने कॉलेज के शिक्षकों और कर्मियों की ऑन स्पॉट गिनती करने का आदेश जारी किया है। ताकि यह पता चल सके कि सही शिक्षकों और कर्मियों को ही भुगतान किया जा रहा है या फिर गलत तरीके से राशि खर्च हो रही है। जांच में गलत पाए जाने वाले कर्मियों का वेतन तो रुकेगा साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि अब उन कर्मियों को ही वेतन मिलेगा,जिनका आधार खाते से लिंक है।
वास्तविक कर्मी से ज्यादा का हो रहा भुगतान
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि विश्वविद्यालयों में जितने वास्तविक कर्मी हैं, उससे अधिक का वेतन भुगतान हो रहा है। वेतन, पेंशन भुगतान सहित उच्च शिक्षा से जुड़े तीन हजार से ज्यादा केस है। कोर्ट में मामला जाने पर शिक्षा विभाग को फटकार लगती है, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी कॉलेज के शिक्षकों और कर्मियों की गिनती कराने का आदेश जारी किया है। किसी तरह की कोई बड़ी गड़बड़ी पाए जाने पर संस्थान के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही राशि की भी वसुली की जाएगी। इसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया जाएगा। जो कॉलेज के शिक्षकों और कर्मियों की संख्या गिनेगी। साथ ही उनके खातों के आधार लिंक की स्थिति की जांच करेगी। और प्रत्येक संस्थान की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को देगी। जिसके बाद गलत तरीके से कार्यरत कर्मियों और कॉलेजों पर कार्रवाई की जाएगी।