करीब एक वर्ष पहले पश्चिम चंपारण में अमृत सरोहवर योजना की शुरुआत हुई थी। योजना के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाना था। जिले मे इस योजना के तहत प्रखंडों में 86 तालाबों का चयन किया गया। इसमें अभी 17 तालाबों का ही जीर्णोद्धार हो पाया है और 28 जगह काम चल रहा है। वहीं 41 तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए अभी काम शुरू किया जाना है। जिसमें तेजी लाने के लिए समीक्षा की गई है। मनरेगा के तहत कराए जा रहे तालाबों के जीर्णोद्धार से एक ओर जल संरक्षण को बल मिलेगा, तो दूसरी तरफ मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
भुजल की समस्या से मिलेगी राहत
प्रखंड स्तर पर की गई समीक्षा के अनुसार सबसे धीमी गति से काम करने वालें जिले मे बगहा में दो और मझौलिया प्रखंडों में हो रहा है। दोनों ही प्रखंडों में सर्वाधिक तालाबों को चिह्नित कर लिया गया है और काम सात तालाबों में ही शुरू किया गया है। समीक्षा नरकटियागंज और नौतन प्रखंडों में भी कराया गया है। दोनों ही प्रखंडों में आधा दर्जन तालाबों के जीर्णोद्धार करा लिए गए हैं। योजना में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि देश में भूजल की स्थिति संतोषजनक नहीं है। ऐसे में इन जल स्रोतों से जीर्णोद्धार वाटर रिचार्ज होगा।