NAYER
RANCHI : हवाई जहाज पर चढ़ना आम लोगों के लिए सपने जैसा होता है। कई दशक बीत जाने के बाद भी उनका सपना अधूरा ही रह जाता है। लेकिन राजधानी में एक हवाई जहाज ऐसा है जिसमें पैसेंजर्स सफर नहीं करते। बल्कि इस हवाई जहाज के आकार वाले भवन में 16 कमरों वाला घर है। इतना ही नहीं यहां पर घर की सारी सुविधाएं भी एक समय में मौजूद थी। हवाई जहाज की तरह दिखने वाली यह इमारत अतीत में बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती थी। आज इसमें कोई नहीं रहता। वहीं रख-रखाव के अभाव में यह भवन जर्जर होता जा रहा है। जबकि इमारत के बगल में एक कमरे के साथ एक अंडाकार बालकनी है, जिससे यह किसी विमान के कॉकपिट जैसा दिखता है। जहाज कोठी में पंख जैसे दिखने वाले कमरे हैं। पीछे के सिरे पर एक छोटी सी सीढ़ी है, जो एक विमान के टेल-विंग जैसी दिखती है।
रांची से हो गया था प्यार
इतिहास के पन्नों पर नजर डाले तो कलकत्ता के एक इंजीनियर अर्जुन राय को तत्कालीन बिहार की राजधानी समुद्र तल से 2100 फीट की ऊंचाई पर स्थित रांची से प्यार हो गया था। उन्होंने कांके रोड पर जमीन का एक टुकड़ा खरीदा और हवाई जहाज के आकार वाला 16 कमरों का एक घर बना डाला। वहीं भवन के किनारों पर विशाल कंक्रीट के पहिए का निर्माण कराया गया। आज यह इमारत टूरिस्ट स्पॉट बन गया है। जिसे देखने के लिए दूर दराज से लोग आते है।
देखभाल का जिम्मा माली के परिवार को
जहाज कोठी की देखभाल करने वाले पीटर तिर्की बताते है कि उनके परदादा अर्जुन राय के लिए माली का काम करते थे। राय की मृत्यु के बाद उनका परिवार कलकत्ता लौट गया और छुट्टी मनाने रांची आया करते थे। इसके बाद राय परिवार ने मेरे पूर्वजों को संपत्ति की देखरेख का जिम्मा सौंपा था। समय बीतता गया और राय जी के परिजनों का आना कम हो गया। भवन के रखरखाव के लिए परिसर में रहने की अनुमति दी।
इमारत ने खो दिया ग्लैमर
वह बताते है कि मैं इस इमारत में पला बढ़ा हूं और माता-पिता ने भी यहीं पर अंतिम सांस ली। उन्होंने कहा कि यह इमारत उन दिनों शहर में चर्चा का विषय हुआ करती थी। दूर-दूर से लोग कांके स्थित सीआईपी में इलाज के लिए आते थे और घर के सामने रुककर इसकी अनूठी बनावट को निहारते थे। आज इस इमारत ने अपना ग्लैमर खो दिया है और केवल हमें इसकी प्राचीन महिमा की याद दिलाता है। जहाज कोठी जैसे घरों के रख-रखाव के लिए बहुत पैसे की जरूरत होती है। मालिकों ने आना लगभग बंद कर दिया है।