बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए जेल प्रोविजन में बदलवा किया। जिस कारण आनंद मोहन जेल से बाहर आ पाए। इसके बाद से आनंद मोहन सभी दलों के साथ अपने एक सामान व्यवहार को बनाए हुए थे। मतलब थोड़े न्यूट्रल होने की कोशिश में दिखना चाह रहे हैं। लेकिन अचानक से ठाकुर का कुआं वाले विवाद ने आनंद मोहन के सुर राजद के खिलाफ हुए। उसके बाद नीतीश कुमार से उनकी नजदीकियां भी बढ़ती दिख रही है। एक ओर जहाँ नीतीश कुमार के कई पुराने साथी उनके राजनीतिक भविष्य के खत्म होने की बात कह रहे हैं। वहीं आनंद मोहन खुलकर नीतीश कुमार के समर्थन में दिख रहे हैं।
नीतीश के समर्थन में आनंद मोहन
आनंद मोहन ने I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर नीतीश के कांग्रेस पर दिए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की सबसे पार्टी होने के नाते कांग्रेस की ये जिम्मेदारी थी कि वो I.N.D.I.A गठबंधन को आगे बढ़ाएं। आनंद मोहन ने आगे कहा कि मैं नीतीश जी के मुहिम का और उनके प्रयासों का सराहना करता हूं। मैं मानता हूं कि जिस व्यक्ति ने इस विपक्षीय एकता को इंडिया गठबंधन तक लाया, उसको इग्नोर करके आगे का रास्ता तय नहीं किया जा सकता है। विपक्षी एकता की मुहीम को नीतीश कुमार ने ही गति दी थी। अलग-अलग राज्यों में जाकर नेताओं से मुलाकात की थी। लेकिन अब ये गति धीमी पड़ी है। इसलिए जो बात नीतीश कुमार ने कही है वो बिलकुल सही है।
नीतीश ने कांग्रेस पर उठाये थे सवाल
दरअसल नीतीश कुमार ने 2 नबंबर को सीपीआई की रैली में कांग्रेस को लेकर बड़ी बात कही थी। नीतीश कुमार ने कहा था कि कांग्रेस को गठबंधन की चिंता नहीं है। अभी वे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। नीतीश के इस बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीतीश कुमार को कॉल कर बात की थी। नीतीश कुमार की इसी बात कर आनंद मोहन ने भी समर्थन किया है। राजनीतिक पर्यटन करने के लिए अच्छी बात है। इससे हासिल क्या होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
अमित शाह के बिहार दौरे पर तंज
आनंद मोहन ने अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर तंज कसा। उन्होंने अमित शाह को राजनीतिक पर्यटक बताया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह जी राजनीतिक पर्यटन करने आते हैं। बिहार एक अच्छा पर्यटन स्थल है और वो बार बार आते हैं। राजनीतिक पर्यटन करने के लिए अच्छी बात है। हासिल क्या होगा वो समय बताएगा।