आईपीएस आरएस भट्टी दिसंबर 2022 में बिहार के डीजीपी बनाए गए थे। उनके कार्यकाल को लगभग नौ महीने बीत चुके हैं। जब उनकी नियुक्ति हुई थी, तब चर्चा यह थी कि वे सितंबर 2025 तक बिहार के डीजीपी बने रहेंगे। लेकिन एसएसबी के पूर्वी कमान में डीजी से बिहार के डीजीपी बनाए गए आरएस भट्टी वापस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर लौट सकते हैं। इस बात की चर्चा हर ओर चल रही है कि आरएस भट्टी बिहार से विदा हो सकते हैं।
लॉ एंड ऑर्डर आउट ऑफ कंट्रोल?
डीजीपी आरएस भट्टी की छवि एक कड़क अफसर के रूप में रही है। सारण के दबंग नेता और बाहुबली पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के साथ मोकामा के पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह पर आरएस भट्टी ने शिकंजा कसा था। उनके बारे में यह भी प्रचारित है कि बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने भी अपहरण के एक मामले को सुलझाने के लिए छुट्टी पर गए भट्टी को पंजाब से बिहार बुला लिया था। लेकिन डीजीपी के तौर पर आरएस भट्टी के कार्यकाल में लॉ एंड ऑर्डर आउट ऑफ कंट्रोल होने के आरोप लगे हैं।
कई हत्याओं ने उलझाया मामला!
नीतीश कुमार ने जब राजद के साथ महागठबंधन में वापसी की तो विपक्ष में बैठी भाजपा ने जंगलराज रिटर्न्स की व्याख्या शुरू कर दी। ऐसे परसेप्शन को दूर हटाने के लिए नीतीश कुमार ने आरएस भट्टी जैसे अधिकारी को बिहार का नया डीजीपी नियुक्त किया। लेकिन पिछले दिनों दो बड़े कांडों ने मामला उलझा दिया है। मुजफ्फरपुर में आशुतोष शाही की हत्या और पटना में निलेश मुखिया पर फायरिंग ने राज्य में अपराध को बढ़ा हुआ दिखाने की कसर पूरी कर दी। सूत्र बताते हैं कि ऐसे ही कई कारणों से नीतीश कुमार की सरकार नए डीजीपी पर विचार कर रही है।
आरएस भट्टी भी लौटने की तैयारी में?
बिहार सरकार पर यह भी आरोप लगे हैं कि वे डीजीपी के पद पर बैठे आरएस भट्टी की रिकमेंडेशंस को मानने में हिचकती रही है। इसका कारण यह है कि आरएस भट्टी लंबे वक्त तक बिहार से बाहर की सेवा पर रहे थे। सरकार के साथ तालमेल बैठने में आ रही दिक्क्तों के कारण आरएस भट्टी भी बिहार से बाहर जाने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। संभावना तो यहां तक जताई जा रही है कि वे सीआईएसएफ के डीजी बनाए जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर डीजीपी की कार्यशैली को भी सरकार से अलगाव का कारण बताया जा रहा है। चर्चा यह है कि वे डीआईजी स्तर के अधिकारियों से नीचे के अधिकारियों से सीधे सम्पर्क में नहीं रहते। इसके अलावा बड़े अधिकारियों को भी उनसे अप्वाइंटमेंट लेकर मिलना पड़ता है।
भाजपा अध्यक्ष ने जताई है आशंका
आरएस भट्टी के बिहार छोड़कर जाने की तैयारी की अफवाह ने भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के बयान के बाद जोर पकड़ लिया है। सम्राट चौधरी ने बिहार में बढ़ती अपराध की घटनाओं को लेकर कहा कि सरकार डीजीपी को काम नहीं करने दे रही है, इसलिए वे बिहार छोड़कर भाग रहे हैं।
आलोक राज की हो सकती है एंट्री?
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अगर डीजीपी आरएस भट्टी की बिहार से विदाई होती है तो नए डीजीपी की रेस में एक बार फिर आलोक राज का नाम आ सकता है। पिछली बार भी अशोक सिंघल के रिटायरमेंट के बाद नए डीजीपी की नियुक्ति की चर्चा चल रही थी, तब भी आईपीएस आलोक राज के नाम की चर्चा सबसे अधिक हो रही थी। 1989 बैच के आईपीएस आलोक राज 31 दिसंबर 2025 को रिटायर होंगे। आलोक राज को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी हैं।