एडवोकेट ऑफ जेएसडी कॉउंसिल के निदेशक सह प्रवक्ता डॉ. सुमंत राव उर्फ बबलु सम्राट ने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज निंदनीय है। सरकार को स्पष्ट नीति बनानी होगी और उसे युवाओं तक संप्रेषित करनी होगी । ताकि बिहार के युवा असमंजस और ऊहापोह की स्थिति से बाहर आ सके। महागठबंधन का सरकार बिहार में बनने पर छात्र-युवा का खुशी का ठिकाना नही है ।
बिहार के अभ्यर्थी साक्षात्कार से वंचित हो रहे
डॉ. सुमंत राव ने कहा कि सबसे पहले बिहार के कॉलेज में कार्यरत अतिथि सहायक प्रोफेसर को समायोजन करना चाहिए । सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में बिहारी अभ्यर्थियों की हकमारी एंव दूसरे प्रांतो के अभ्यर्थियों को फायदा पहुचाने के उद्देश्य से बने सहायक व्याख्याता की नियुक्ति संबंधी परिनियम-2020 के कारण बिहार राज्य के अधिकतम मूल निवासी अभ्यर्थियों नियुक्ति की प्रक्रिया में साक्षात्कार से वंचित हो रहे है ।
उच्च न्यायालय के निर्णय का करें इंतेजार
डॉ. सुमंत राव ने कहा कि विज्ञापन पर कई त्रुटियों है जिसका मामला उच्च न्यायालय में लंबित है । विश्विद्यालय सेवा आयोग द्वारा आयोजित साक्षात्कार का परिणाम के आधार पर नियुक्ति रद्द भी हो सकता है। उसके बावजूद शिक्षा माफियों के मिलीभगत से विश्वविद्यालय को नियुक्त करने का आदेश निर्गत किया है। जब तक उच्च न्यायालय से कोई स्पष्ट निर्णय नही आ जाता तब तक के लिए विश्विद्यालय सेवा आयोग के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों का शिक्षा विभाग नियुक्ति के लिए कोई पहल नही करे। क्योंकि दूसरी और अतिथि प्रोफेसर की नियुक्ति पूर्णतः यूजीसी पैटर्न पर हुई है। जिसका परिनियम में किसी प्रकार का कोई विशेष वेटेज नही दिया गया है, जबकि अन्य राज्य में समायोजन किया गया है। यह नियमावली बिहारी अभ्यर्थियों को नुकसान पहुचाने के लिए राज्य के मुख्यसचिव से लेकर परिनियम बनाने में गठित तीन सदस्यीय में दो कुलपति जो अन्य राज्य के थे उसके द्वारा जानबूझकर बिहारी प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को बहाली प्रक्रिया से दूर रखने के लिए साजिश की गई है।
उपमुख्यमंत्री अपना वादा पूरा करें
डॉ. सुमंत राव ने बतया कि वे खामियां की जानकारी प्रतिपक्ष के नेता के हैसियत से कई बार दे चुके है। माननीय उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव जी आपने विधानसभा चुनाव 2020 में आश्वासन दिए थे कि सरकार बनने पर नियमित करेंगे वह शुभ मुहूर्त अब आ गया है । सेवन स्टार महागठबंधन सरकार कार्यरत अतिथि सहायक प्रोफेसर को नियमित करे। यह फैसला बहुत ही ऐतिहासिक होगा। समाजवादी विचारधारा का उच्च संस्थान में प्रभाव बढ़ेगा। जिससे सीधी तौर पर न्याय के साथ सामाजिक विकास होगा।