उद्योगपति गौतम अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ बयानबाजी के लिए उन्हें एक अस्त्र बना लिया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की टिप्पणी तो जगजाहिर है ही। सोमवार से शुरू हुए बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन यहां भी अडानी-अडानी का शोर गूंजता दिखा। बात हो रही थी राज्य के स्कूलों के शिक्षकों और भवनों की स्थिति पर। लेकिन अचानक अडानी का नाम आया और फिर बवाल शुरू हो गया।
नीतीश के इस्तीफे की मांग पर भड़की JDU, सुधाकर सिंह के खिलाफ खोला मोर्चा
भाजपा ने कहा स्कूल में शिक्षक नहीं, राजद का जवाब- अडानी से मांग लीजिए
दरअसल, विधानमंडल सत्र के पहले दिन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल ने बिहार सरकार की उपलब्धियां अपने अभिभाषण में गिनाईं। इस दौरान शिक्षा पर हुए कार्यों को भी राज्यपाल ने गिनाया। यहीं से बवाल शुरू हुआ। विपक्ष में बैठी भाजपा के विधायकों ने यह कहना शुरू किया कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। किसी ने कहा कि स्कूलों में शिक्षक और बिल्डिंग नहीं है। मंत्री चूंकि राजद के कोटे वाले चंद्रशेखर यादव हैं। तो जवाब देने आए राजद के विधायकों ने शोर शुरू किया कि अडानी से मांग लीजिए। वहीं विधान पार्षद मुन्नी देवी ने कहा जाइए मोदी के सामने कटोरा लेकर भीख मांगिए।
महिला विधायकों में तू-तू, मैं-मैं
सत्र के पहले ही दिन हंगामा शुरू हो गया। पहले तो सदन के बाहर प्रदर्शन चलता रहा। सदन के अंदर भी कम गरमाहट नहीं रही। पुरुष विधायक और विधान पार्षद तो अपेक्षाकृत शांत ही रहे। लेकिन महिला सदस्यों ने हंगामे का मोर्चा संभाल लिया। पहले राजद की विधान पार्षद मुन्नी देवी ने मोर्चा खोला। तो राजद की विधायक रेखा देवी भी भाजपा विधायकों पर बरस पड़ीं। जवाब देने सामने आई भाजपा की विधायक भागीरथी देवी और राजद विधायक रेखा देवी के बीच तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई।