बेतिया के बरवत सेना के शिव मंदिर में सावन की दूसरी सोमवारी यानी 25 जुलाई के दिन जलाभिषेक पूजन का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। जलयात्रा का नेतृत्व बेतिया नगर निगम की निवर्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने किया। सबसे पहले कठैया नहर पुल के समीप एक हजार से भी अधिक महिलाओं के द्वारा जल भरी की गयी। इसके बाद महिलाओं ने बरवत सेना के शिव मंदिर में जलाभिषेक और सावन के सोमवारी की विशेष पूजा की। अभी महिलाएं निर्जला व्रत कि हुई थी।
नगर निगम की निवर्त्तमान सभापति ने ये कहा
नगर निगम की निवर्त्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि सावन के महीने में ही माता पार्वती की तपस्या से महादेव शिव प्रसन्न होकर प्रकट हुए थे और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसके बाद ही माता पार्वती जी का शिव जी के साथ विवाह हुआ। तब से ये पूरा माह शिव जी और माता पार्वती दोनों का प्रिय माह बन गया। साथ ही उन्होंने कहा कि समुद्र मंथन के बाद निकले घातक विष को समस्त जगत की रक्षा के लिए शिवजी ने अपने कण्ठ में धारण कर लिया था, उसी कारण देवाधिदेव भगवान शिव को महादेव देवताओं ने ही महादेव की उपाधि दी। भगवान शिव की इस विशेष पूजा व जलभरी के आयोजन में धनंजय पासवान, सुरेश महतो, कौशल प्रसाद, पिंकु महतो, लव प्रसाद, लड्डु कुमार, पन्नालाल प्रसाद,संतोष महतो इत्यादि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।