भागलपुर शहर को एक नया रूप देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। शहर के प्रमुख चौराहों (जीरोमाइल चौक, स्टेशन चौक, आदमपुर में भगत सिंह प्रतिमा स्थल, शीतला स्थान चौक, त्रिमूर्ति चौक, नाथनगर में सुभाष चंद्र बोस चौक और चंपानगर चौक) को सुंदर बनाने के लिए एक नई कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस काम के लिए आर्किटेक्टों से सलाह ली जा रही है।
नगर आयुक्त नितिन कुमार सिंह ने बुधवार को जीरोमाइल चौक का दौरा किया और तकनीकी टीम को सुझाव दिए। सुझावों में लाइटिंग, पेंटिंग और टेराकोटा के डिजाइन तैयार करना शामिल है। आर्किटेक्ट्स को एक हफ्ते के अंदर डिजाइन तैयार करने के लिए कहा गया है। इस सुंदरीकरण कार्य से चौराहों पर अवैध पार्किंग, फेरी लगाने और गंदगी की समस्या दूर होगी।
वहीं, दूसरी ओर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर के पीजी छात्रावास मार्ग में लगातार हो रही जलजमाव की समस्या का भी स्थायी समाधान निकाला जा रहा है। यद्यपि नगर निगम ने नौ महीने पहले स्थायी समाधान के लिए ह्यूम पाइप बिछाए थे, लेकिन उन्हें अभी तक मुख्य सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की पाइपलाइन से जोड़ा नहीं गया है।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी योजना के तहत भैरवा तालाब के निर्माण के कारण मारवाड़ी कॉलेज रोड पर बने नाले का निकास बाधित हो गया है, जिसके कारण छात्रावास मार्ग पर 4-5 फीट तक जलजमाव हो जाता है। इस वजह से छात्रों को कई बार अपना छात्रावास छोड़ना पड़ता है और मानसून के दौरान सड़क पर छोटी नावों का सहारा लेना पड़ता है।
इस समस्या को लेकर मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में डीएम डॉ. नवीन किशोर चौधरी ने संज्ञान लिया। इसके बाद बुधवार को नगर आयुक्त नितिन कुमार सिंह के नेतृत्व में एक तकनीकी टीम ने निरीक्षण किया। टीम में बुडको, स्मार्ट सिटी और नगर निगम के इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे।
जांच में पाया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले कोई जल निकास व्यवस्था नहीं बनाई थी। निगम द्वारा ह्यूम पाइप वट वृक्ष चौक तक बिछाए गए हैं, जिन्हें अब एसटीपी की मुख्य पाइपलाइन से जोड़ा जाएगा। इस काम को दो दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में भूतनाथ जैविक खाद संयंत्र से होकर एसटीपी के पीछे आउटफॉल में पानी को मिलाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके अलावा छात्रावास मार्ग पर बारिश के पानी को निकालने के लिए पंपिंग स्टेशन बनाने की योजना है। पंप के माध्यम से पानी को मुख्य नाले में ले जाया जाएगा।
तकनीकी टीम ने भैरवा तालाब में जलजमाव की समस्या पर भी चर्चा की। तालाब के पानी को निकालने के लिए जल्द ही इसे एसटीपी से जोड़ने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। तालाब का पानी निकालने के बाद ही बचा हुआ सुंदरीकरण का काम शुरू किया जाएगा।