बिहार की सियासत में इन दिनों परिवारवाद का मुद्दा ट्रेंडिंग में है। एनडीए के घटक दल लगातार राजद सुप्रीमो लालू यादव पर वंशवाद और परिवारवाद को लेकर हमला बो रहे हैं। पीएम मोदी भी चुनावी रैलियों के मंच से लालू परिवार को घेरते आए हैं। वहीं आरजेडी भी एनडीए के घटक दलों की परिवादी लिस्ट को उजागर कर चुकी है, और बता चुकी है कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के घटक दल किस कदर परिवारवाद में डूबे हैं।
परिवारवाद की इस लड़ाई और आरोप-प्रत्यारोप जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने और हवा दे दी है। नीरज कुमार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए हमला बोला है। नीरज कुमार ने लिखा लालू परिवार के 12 में से 6 का तो हो गया जुगाड़। बाकी 6 हैं प्रतीक्षा सूची में। बिहार कांग्रेस उम्मीदवार ढूंढने में क्यों है परेशान? घर में उम्मीदवार, पूरे शहर ढिंढोरा। पोस्ट में लालू परिवार के 12 सदस्यों का फोटो भी लगाया है। इस फोटो में 6 तो लालू यादव की बेटियां और एक बहू राजश्री।
नीरज कुमार ने एक तस्वीर शेयर की है और उसके जरिए यह कहा है कि- पहले लालू और उसके बाद राबड़ी देवी फिर दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप राजनीति में आए। यहां दिल नहीं माना तो बड़ी बेटी मिसा और अब रोहाणी भी चुनावी मैदान में आई हैं। यानी 12 लोगों के इस परिवार में 6 लोग तो राजनीति में आ गए हैं, ऐसे में बाकी के 6 लोगों की भी इंट्री करवा देना चाहिए, जिसमें 5 बेटी और एक बहु का नाम शामिल हो। इस तरह से कांग्रेस को अपनी पार्टी के लिए 6 कैंडिडेट तय नहीं कर पा रही है वो लालू से मदद हासिल कर ले।
नीरज कुमार ने कहा कि घर में उम्मीदवार और पूरे शहर में ढिंढोरा, महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस को 9 सीट मिली हैं। अब तक 3 उम्मीदवार घोषित किए हैं। और 6 सीटें बाकी हैं। तो 6 लोगों की अदला-बदली कर लीजिए। 6 लोग तो लालू यादत के परिवार के प्रतीक्षा सूची में हैं। छह सदस्यों का तो राजनीतिक समायोजन हो गया। कोई पार्टी का अध्यक्ष हैं, कोई विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं, कोई राज्यसभा सांसद है, कोई लोकसभा के उम्मीदवार हैं। 6 ही तो वेटिंग लिस्ट है, तो छह को कन्फर्म करने में क्या दिक्कत हो रही है। हम तो ये कहेंगे कि अगर परिवारवाद का आपका एजेंडा है, तो इससे सुनहरा मौका आपको कहीं नहीं मिलेगा। 12 के 12 लोगों को 100 फीसदी पॉलिटिकल जॉब मिल जाएगा।