नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। एनडीए से विदाई लेने के बाद वे भाजपा के खिलाफ खड़े दलों के महागठबंधन में शामिल हो गए हैं। यह नीतीश की जीत या भाजपा की हार से ज्यादा तेजस्वी यादव की जीत है। क्योंकि राजनीति के जिस मोड़ पर वे सत्ता से बाहर हुए थे, उसी मोड़ पर बिहार की राजनीति को वापस आने पर मजबूर किया है। तेजस्वी यादव यहीं नहीं रुकने वाले, यह इशारा भी उन्होंने दे दिया है। दिल्ली पहुंचे तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सोनिया गांधी समेत लेफ्ट के नेताओं से मुलाकात की।
सोनिया से पहली मुलाकात
बिहार में दुबारा उपमुख्यमंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पहली बार शुक्रवार को मुलाकात हुई। संभावना है कि मुलाकात के दौरान बिहार में कांग्रेस और राजद के साथ को बरकरार रखने पर चर्चा हुई होगी। साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा संभव है। सोनिया से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश जी का राजद से हाथ फिर से मिलाना भाजपा के लिए तमाचे की तरह है। बिहार विधानसभा में मौजूद सभी दल भाजपा के खिलाफ हैं। भाजपा अकेली पड़ चुकी है।
‘डरा कर सत्ता में आती है भाजपा’
तेजस्वी ने कहा कि लालू जी ने जीवन भर साम्प्रदायिक भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। तेजस्वी ने सीएम नीतीश और सोनिया गांधी का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ डरा कर सत्ता में आती है। BJP का एक ही agenda है। जो डरेगा उसे डराओ, जो बिकेगा उसे खरीदो। केंद्रीय एजेंसियां बरबाद हो रही हैं। इनकी हालत तो पुलिस थाने से भी बदतर हो चुकी है। लेकिन हम बिहार के लोग डरने वाले नहीं है। हमने पहले भी कहा था कि बिहारी बिकाऊ नहीं टिकाऊ होता है।