केंद्रीय अंतरिम बजट में किए गए प्रावधानों के अनुसार, बिहार को 7500 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा। यह ऋण 50 वर्षों की अवधि के लिए होगा और इसका उपयोग राज्य में आधारभूत संरचना के विकास के लिए किया जाएगा।
यह ऋण केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी जाने वाली 75 हजार करोड़ रुपये की ब्याज मुक्त ऋण योजना का हिस्सा है। इस योजना के तहत, राज्यों को लंबी अवधि के लिए ऋण दिया जाएगा ताकि वे अपनी आधारभूत संरचना में सुधार कर सकें।
बिहार को पहले भी केंद्र सरकार से ब्याज मुक्त ऋण मिल चुका है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, राज्य को 8455 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6200 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मिला था।
केंद्र से प्राप्त होने वाले 7500 करोड़ रुपये से बिहार में आधारभूत संरचना के विकास में पूंजीगत व्यय बढ़ेगा। इस राशि का उपयोग सड़कों, भवनों, औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और अन्य आधारभूत संरचना परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।
यह ऋण बिहार के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा।
इस ऋण से होने वाले संभावित लाभ:
- सड़कों, भवनों और अन्य आधारभूत संरचना का निर्माण: यह राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगा।
- औद्योगिक क्षेत्रों का विकास: यह राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा।
- अर्थव्यवस्था में वृद्धि: आधारभूत संरचना के विकास से राज्य में अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।
- जीवन स्तर में सुधार: आधारभूत संरचना के विकास से राज्य में लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
यह ऋण बिहार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। राज्य सरकार को इस ऋण का उपयोग कुशलतापूर्वक करना चाहिए ताकि राज्य के लोगों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।