बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर खूब सियासत हो रही है। एक तरफ बिहार सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है। 2 नवंबर को राजधानी पटना के गांधी मैदान में चयनित हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी चल रही है। वही विपक्ष लगातार शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का आरोप लगा रही है साथ ही डोमिसाइल हटाए जाने का भी विरोध कर रही है। रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने शिक्षक भर्ती को बिहारी युवाओं के साथ हुआ बड़ा धोखा बताया है।
डोमिसाइल हटाने का विरोध
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे बिहार सरकार ने राज्य के नौजवानों के साथ मजाक किया है। तेजस्वी यादव जब बिहार के डिप्टी सीएम नहीं थे तब बहुत घोषणा कर रहे थे उनकी सरकार आएगी तो बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करेंगे और बिहार के युवाओं को नौकरी मिले इसको सुनिश्चित करेंगे। बिहार में अब उनकी सरकार है लेकिन जो पहले से थोड़ी सी सुरक्षा थी राज्य के नौजवानों के लिए उसे भी समाप्त कर के ओपन फॉर ऑल कर दिया गया। जिसका नतीजा हुआ कि बिहार के युवाओं की बड़े पैमाने पर हकमारी हो गई और पड़ोसी राज्य के युवा यहां आकर नौकरी कर रहे हैं।
“युवाओं के मन हैं परेशानी”
उपेन्द्र कुशवाहा ने आगे कहा कि जिस तरह से शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आया है, बिहार के नौजवानों और शिक्षक अभ्यर्थियों के मन में परेशानी दिख रही है। सरकार आनन-फानन में काम करती है तो नजीता यही होता है। इतना ही नहीं बहुत सारे लोग जो पहले से नौकरी कर रहे हैं उनके फिर से नियुक्ति पत्र देकर सरकार दिखावा करना चाहती है