बिहार में नीतीश सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर और जेट विमान खरीदने के फैसले पर राजनीति गरम है। भाजपा ने इसको लेकर सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कहा है कि भाजपा को बिहार के विकास से ही परेशानी है। जनता के हित का कोई फैसला हो, भाजपा तिलमिला जाती है। किसी तरह 2024 में अपनी सत्ता बचाए रखने के जुगाड़ में भाजपा जनता को पूरी तरह भूल चुकी है और उसे सिर्फ अनावश्यक राजनीति सूझ रही है।
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प्रो. नंदन ने कहा कि गुजरात सरकार ने 2019 में ही प्लेन और हेलीकॉप्टर खरीदा, किसी को दिक्कत नहीं हुई। लेकिन बिहार में जैसे ही माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने यही फैसला लिया, भाजपा परेशान हो गई है। दरअसल, भाजपा यह पचा ही नहीं पाती कि बिहार में प्लेन और हेलीकॉप्टर का प्रयोग हो क्योंकि यहां की सत्ता से बाहर होते ही बिहारियों के विकास का नाम भी भाजपा के नेता सुनना नहीं चाहते। कई राज्यों ने अपनी जरुरत के हिसाब से हेलीकॉप्टर और जेट विमान की खरीद की है। क्योंकि सबको प्रधानमंत्री मोदी जी की तरह अडानी के चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिहार की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि अंतरराष्ट्रीय सीमाएं यहां से सटी हुई हैं। उग्रवादियों और नक्सलियों का भी प्रभाव कई दफे दिख जाता है। इसके अलावा बाढ़ और सुखाड़ जैसी आपदाओं के वक्त एरियल सर्वे कारगर होते हैं और राज्य की असली स्थिति का आंकलन शीघ्र होता है। लेकिन भाजपा इसमें राजनीति ढूंढ़ रही है। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि इन प्लेन और हेलीकॉप्टर का राजनीतिक उपयोग होगा। मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा है कि भाजपा की परेशानी क्या है? उसे किस बात का डर है? क्या भाजपा को 2024 में हार स्पष्ट दिखने लगी है?
प्रो. नंदन ने कहा कि 2015 हो या 2020, हर चुनाव में भाजपा के उड़नखटोले ही दिखते हैं। भाजपा के बड़े नेता तो इनमें होते ही हैं, छुटभैये नेताओं पर भी भाजपा के उड़नखटोले मेहरबान रहते हैं। ऐसे संसाधनों का दुरुपयोग तो भाजपा ने जैसे नई व्ययवस्था ही बना दी है। जबकि जदयू या दूसरे समाजवादी दल ऐसे संसाधनों का कितना सीमित उपयोग करते हैं, यह सभी को पता है। भाजपा बिहार सरकार के नए प्रस्तावित हेलीकॉप्टर और जेट विमान की प्राइस को लेकर मुद्दा बना रही है। जबकि हकीकत ये है कि ऑडिट हो जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि तीन से चार हजार करोड़ रुपए भाजपा ने 2020 के चुनाव में अपने नेताओं हवाई मार्ग से ढ़ोने में खर्च कर दिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में केंद्र सरकार ने साजिश के तहत एयरपोर्ट्स की संख्या नहीं बढ़ने दी है। जबकि यह प्रस्ताव पुराना है कि छोटे छोटे एयरपोर्ट्स को भी शुरू किया जाए लेकिन भाजपा की सरकार ने इस प्रस्ताव पर बिहार में कोई कार्रवाई ही नहीं की है। लेकिन भाजपा बिहार के लिए कुछ करना नहीं चाहती तो क्या राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी? माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की अगुवाई में बिहार ने विकास के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बिना भेदभाव के बिहार का सर्वांगीण विकास किया है।
प्रो. नंदन ने कहा कि भाजपा को बिहार की उड़ान से इसलिए डर लगता है क्योंकि भाजपा बिहार में नीतीश सरकार की क्षमता से बखूबी परिचित है। बिहार की कई योजनाओं का अनुकरण तो केंद्र सरकार करती है क्योंकि वहां बैठे लोगों के पास तो विजन है नहीं। गुजरात मॉडल का पूरा प्रचार भाजपा करती है जबकि बिहार मॉडल ने देश में सबसे बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है। भाजपा को डर है कि बिहार मॉडल की चर्चा देश भर में होने लगेगी तो भाजपा के लूट का पर्दाफाश हो जाएगा और 2024 में सत्ता बस यूं ही फिसल जाएगी।