बिहार में नई सरकार के बनते और BJP के विपक्ष में जाते ही राजनीति गरम हो गई है। भाजपा नेताओं ने नीतीश के नए मंत्रिमंडल के दागियों को ‘एक्सपोज’ करने की जिम्मेदारी उठा ली है। नैतिकता और शुचिता के सवाल उठाने वाली भाजपा को दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक हफ्ता पहले तक बिहार सरकार में उद्योग मंत्री रहे शाहनवाज हुसैन के खिलाफ चार साल पुराने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला रे’प का है।
2018 का है मामला
शाहनवाज हुसैन पर इस मामले में 2018 में आरोप लगे। जनवरी 2018 में दिल्ली में रहने वाली महिला ने एक याचिका दायर की। महिला का आरोप है कि दिल्ली के छतरपुर फॉर्म हाउस पर उसके साथ रे’प किया गया। महिला की याचिका पर 12 जुलाई 2018 को मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट ने एफआईआर का निर्देश दिया। शाहनवाज इस मामले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन भी दायर कर चुके थे, लेकिन राहत नहीं मिली। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी शाहनवाज को राहत देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट से भी झटका
शाहनवाज हुसैन को निचली अदालत और हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। दरअसल, शाहनवाज हुसैन मामले की जल्द सुनवाई चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी है। इससे पहले हाई कोर्ट ने कहा कि FIR शिकायत में दर्ज अपराध की जांच का आधार है। जांच के बाद ही पुलिस कोई निष्कर्ष पर पहुंच सकती है। अपराध हुआ या नहीं, हुआ तो किसने किया, यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा।