सीएम नीतीश कुमार बिहार में सुशासन होने का दावा करते हैं। उनके समर्थक भी उन्हें सुशासन बाबू के नाम से संबोधित करते हैं। लेकिन अपनी सरकार में बढ़ रहे अफसरशाही को लेकर सीएम नीतीश कुमार हमेशा घिर जाते हैं। विपक्षी दल के नेता लगातार आरोप लगते रहते हैं कि नीतीश कुमार के शासनकाल में अफसरशाही काफी ज्यादा बढ़ा गई है। वही नीतीश कुमार के पुराने साथ रहे प्रशांत किशोर भी ये बात बार-बार कहते हैं कि लालू के शासन काल में अपराधियों वाला जंगलराज था और नीतीश के शासनकाल में अफसरों वाला जंगलराज है। इन सब के बीच आज सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में ही अफसरशाही का पोल खुलता हुआ दिखा। जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार अपने अधिकारियों की क्लास लगाते हुए भी दिखे।
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अधिकारियों पर CM की बात का असर नहीं
दरअसल आज जनता दरबार में एक महिला अपनी फरियाद लेकर सीएम नीतीश कुमार के सामने पहुंची। मुजफ्फरपुर के अहियापुर से आई महिला ने बताया कि उसके भाई के हत्यारों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है लेकिन दो साल के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। साथ ही उसने ये भी कहा कि की आरोपी खुद को जेडीयू का ही नेता बताती है। महिल ने सीएम को बताया कि पिछले साल सितंबर में उसके पिता भी जनता दरबार में गुहार लगाई थी। फिर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। महिला की शिकायत सुन कर सीएम पहले तो चौंक गए। उसके बाद उन्होंने तुरंत अधिकारी को कॉल लगा कर फटकार लगाई। उन्होंने अधिकारी से पूछा कि अभी तक इस मामले में कारवाई क्यों नहीं हुई है? जल्द से जल्द मामले को देखें और एक्शन लें।
जनता दरबार में देरी से पहुंचे अधिकारी को फटकार
वही आज जनता दरबार में अपने अधिकारियों की लेट-लतीफी को लेकर भी नीतीश कुमार नाराज दिखे। दरअसल एक अधिकारी काफी देर से जनता दरबार में पहुंचा। जिसे देख कर नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए उन्हें फटकार लगाई। उन्होंने हाथ जोड़ कर अधिकारी से कहा कि “आ गए आप, बहुत स्वागत है आपका।” जिसके बाद अधिकारी ने अपने बचाव में कहा कि “आ गए थे सर।” जिसके बाद सीएम नीतीश ने कहा कि “कहाँ आए थे आप.. गायब थे आप.. लेट क्यों हुए”