बिहार विधानसभा में Floor Test पर चर्चा के बाद विश्वासमत ध्वनिमत से पारित हो गया। लेकिन विजय कुमार चौधरी के आग्रह पर डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने वोटिंग कराई। वोटिंग के बाद विश्वासमत के समर्थन में 130 वोट मिले।
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपना संबोधन शुरू किया। बाद में विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी व अन्य नेताओं ने अपनी बात रखी। आखिर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना संबोधन दिया। हालांकि उनके संबोधन के पहले ही राजद विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
सीएम नीतीश के संबोधन की बड़ी बातें
- हम से पहले लालू यादव व राबड़ी देवी को काम करने का मौका मिला था। तब कोई शाम में बाहर नहीं निकलता था। कोई सड़क नहीं थी।
- हमारे कार्यकाल में लगातार काम हुआ है। समाज के हर तबके के लिए काम किया।
- सात निश्चय मेरी सोच थी और उसी पर काम हुआ है।
तेजस्वी यादव के संबोधन की बड़ी बातें
- तेजस्वी यादव ने कहा कि एक ही टर्म में तीन तीन बार सीएम बनने का नीतीश कुमार ने इतिहास रच दिया। सम्राट चौधरी पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कि वे कहते हैं कि भाजपा मां है लेकिन राजद में सबसे पहले थे तो उनकी मां तो राजद हुई न। इसके आगे तेजस्वी ने डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा कि एक ही टर्म में विधानसभा स्पीकर, नेता विरोधी दल और डिप्टी सीएम तीनों पदों पर रहे। सीएम हमारे लिए आदरणीय थे और हमेशा रहेंगे। इनके नेतृत्व में काम करने का मौका मिला और हम लोगों ने किया।
- तेजस्वी ने कहा कि कई बार सीएम ने मुझे बेटा की तरह कहा। मैं भी उन्हें गार्जियन मानता हूं। नीतीश जी को हम दशरथ की तरह पिता मानते हैं। कई बार इन्होंने कहा कि मैं आगे बढ़ूंगा। लेकिन दशरथ की तरह मजबूर नीतीश कुमार ने मुझे वनवास भेजा। लेकिन मैं सोचता हूं कि मैं वनवास में नहीं जनता के सुख दुख में भाग लेने के लिए। क्या मजबूरियां रहीं, मुझे नहीं पता। पहली बार दूर किया तो एक ही बात निकली कि मैं मुकदमे के बारे में एक्सप्लेन कर दूं। बाद में जब अपनाया तो नीतीश जी ने कहा कि भाजपा की साजिश थी। बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि क्या कारण है कि आप इधर उधर रहते हैं।
- पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि राजभवन में आपने कहा कि मन नहीं लग रहा। तो क्या हम लोग नाचने गाने और मन लगाने वाले थे। हम साथ दे रहे थे, काम कर रहे थे। जो आपने असंभव कहा था, उसे हमने पूरा किया। जो किसी सरकार ने नहीं किया, उसे महागठबंधन की सरकार ने दिया। जब आप भाजपा को धोखा देना चाहते थे, तो हम आपके साथ नहीं आना चाहते थे। लेकिन 2024 में मोदी सरकार को हराने के लिए मैंने सरकार के बाहर रह कर समर्थन का ऐलान किया।
- दशरथ नहीं चाहते थे लेकिन कैकेयी नहीं चाहती थी कि राम राज करें। कैकेयी को पहचानिए।
- क्या भाजपा वाले मोदी की गारंटी देंगे कि नीतीश नहीं पलटेंगे?
- अमित शाह ने कहा दरवाजा बंद है लेकिन उनके बात में कोई दम नहीं है।
- हमने समर्थन की शर्त यही रखी थी कि 10 लाख नौकरी दी जाएगी।
- भारत रत्न को भाजपा ने डील बना दिया है। वोट के लिए डीलिंग करनी शुरू कर दी।
- हमें चिंता है जदयू विधायकों की, जो सीएम नीतीश के इधर उधर होने पर जनता के सामने जवाब देंगे।
राजद के साथ हो गया खेला, तीन विधायक टूटे
बिहार विधानसभा में विश्वासमत से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने पद छोड़ दिया है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। बिहार विधानसभा में स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। स्पीकर को हटाए जाने का प्रस्ताव पास हो गया। स्पीकर को हटाए जाने के पक्ष में 38 विधायक खड़े हुए। स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव भाजपा के विधायक नंद किशोर यादव ने पेश किया था। अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए 125 विधायकों ने वोट दिया। जबकि 112 सदस्यों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया।
स्पीकर पद से अवध बिहारी चौधरी के हटने के बाद राजद के तथाकथित खेला करने की उम्मीदें शांत पड़ गई हैं। अवध बिहारी चौधरी के पद छोड़ने के बाद डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी विधानसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे हैं।
राजद को झटका सिर्फ अवध बिहारी चौधरी के हटने के कारण नहीं लगा है। बल्कि उसके खेला करने के दावों को उसके अपने विधायकों ने झटका दे दिया है। राजद के विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव सत्ता पक्ष के खेमे में बैठे हैं। यानि वे राजद के साथ सरकार के विश्वासमत में नहीं हैं।
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