मुज़फ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश साहनी, वीआईपी के नेता संतोष निषाद और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ है।
वादी अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने आपराधिक मुकदमा दर्ज कराते हुए मुकेश सहनी पर उनकी पार्टी ‘भारत सार्थक पार्टी’ का चुनाव चिन्ह नाव छाप का गलत दुरुपयोग करने और छाप को वापस करने के लिए प्रलोभन देने का आरोप लगाया है। साथ ही मुकेश सहनी की पार्टी के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की भी मांग की है। अब 27 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होगी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुज़फ्फरपुर के चर्चित अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने एक राजनैतिक पार्टी बनाई है जिसका नाम है भारत सार्थक पार्टी (BSP)। सुधीर कुमार ओझा का दावा है कि चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी को नाव छाप चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित किया है। अधिवक्ता का आरोप है कि जमुई लोकसभा क्षेत्र के शेखपुरा में तेजस्वी यादव और मुकेश साहनी ने जो सभा की उसमे मंच के ऊपर नाव चुनाव चिन्ह लगा हुआ था।
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया है कि हाल में चुनाव आयोग द्वारा भारतीय सार्थक पार्टी (बीएसपी) को आवंटित चुनाव चिह्न नाव छाप को दिया गया था, जिसके बाद से इसको छोड़ने को लेकर और वापस करने के वीआईपी पार्टी के द्वारा लगातार ही दवाब बनाया जा रहा था। उन्होंने कहा की कई जिले के चुनावी रैली में मुकेश सहनी और अन्य के द्वारा उनके चिह्न का इस्तेमाल किया जा रहा है। अपने जन्मदिन के अवसर पर भी मुकेश साहनी ने सुधीर ओझा के चुनाव चिन्ह का दुरुपयोग किया था।