कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पूरे देश में निर्धारित राज्यों में चल रही है। बिहार में इस यात्रा की शुरुआत 5 जनवरी को हुई। बिहार में पार्टी की 1200 किलोमीटर लंबी पदयात्रा 17 जिलों से गुजरनी है, जिसकी शुरुआत बांका के मंदार हिल से हुई। पदयात्रा बांका से शुरू होकर गया में संपन्न होगी। लेकिन यात्रा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की एक चिट्ठी सामने आई है, जो उन्होंने कांग्रेसियों से यात्रा शुरू होने के पहले लिखी थी। पत्र का आशय यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिए कांग्रेसियों से आर्थिक मदद की अपील की थी।
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तो क्या उसी कारण स्थगित हुई थी यात्रा?
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बिहार में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पहले 28 दिसंबर से शुरू होने वाली थी, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। कांग्रेस ने इसे स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया था। दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष की यह चिट्ठी भी 28 दिसंबर की ही लिखी गई थी। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कांग्रेस ने क्या फंड की कमी के कारण इस यात्रा को टाल दिया था। क्या प्रदेश कांग्रेस समिति इतने फंड का भी जुगाड़ नहीं कर पाई कि वो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन का स्वागत भव्य तरीके से कर सके? आमतौर पर भारतीय राजनीतिक दलों में किसी पार्टी के ऐसे कार्यक्रमों के लिए तो फंड की कमी कभी नहीं रहती, जो उनके सर्वमान्य नेता से जुड़े हों। यह भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी लीड कर रहे हैं, इसके बावजूद ऐसी कमी होना अपने आप में आश्चर्य है।
कांग्रेस की सादगी वाली दलील
हालांकि फंड की कमी कांग्रेस की अलग ही दलील है। कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी कहते हैं कि देश के लिए काम करने वाले राजनीतिक संगठन आपसी सहयोग और जन सहयोग से ही चलते हैं। कांग्रेस शुरू से ही जन सहयोग से चलती रही है। हम वो नहीं हैं जो पार्टी को धनवान बनाने के लिए चीन से गलवान घाटी बेच दें। उद्योगपतियों के हाथों देश की नवरत्न कंपनियां बेचकर उसमें से दलाली खा लें। हम देश के सहयोग से ही चलते हैं।