पुलिस होती है जनता की रक्षा के लिए लेकिन कई बार जनता ही शिकार हो जाती है। मामला बिहार के बक्सर जिले का है। यहां पुलिस का ऐसा दमनकारी चेहरा सामने आया है कि देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। चौसा में निर्माणाधीन ताप विद्युत परियोजना में वाटर पाइप लाइन और रेलवे कॉरिडोर के लिए उचित मुआवजे की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस वालों का कहर टूटा है। बताया जा रहा है कि किसानों का आरोप है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला। इसी को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उनके प्रदर्शन को शांत करने वाले पुलिसकर्मियों का खौफनाक चेहरा सामने आया है।
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घर में घुसकर की पिटाई
किसानों का कहना है कि पुलिस ने मंगलवार रात उन पर जमकर बलप्रयोग किया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने आंदोलन कर रहे किसानों के घरों में घुसकर जमकर पिटाई कर दी। यहां तक कि बच्चों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जो पुलिसिया अत्याचार की कहानी कह रहे हैं। इसके बाद शुरू हुआ बवाल क्योंकि पुलिस की पिटाई से किसान पस्त नहीं हुए बल्कि आक्रोशित हो गए। बुधवार सुबह आक्रोशित किसानों ने पावर प्लांट में बवाल किया। पावर प्लांट में तोड़फोड़ करते हुए कई वाहनों को फूंक दिया।
तीन महीने से चल रहा प्रदर्शन
दरअसल, किसानों का प्रदर्शन नया नहीं है। 17 अक्टूबर से ही किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। लेकिन मंगलवार को किसानों ने पावर प्लांट का मुख्य गेट बंद कर काम रोक दिया। इसके बाद से नाराज पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंगलवार को काफी संख्या में पुलिस वाले रात 11 बजे के बाद बनारपुर गांव में पहुंच कर किसानों के घर में घुस गए। तीन लोगों को हिरासत में भी ले लिया। लेकिन किसानों का आरोप है कि पुलिस ने घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों तक को पीटा।