जनता दल यूनाइटेड (JDU) की बड़ी बैठक दिल्ली (Delhi) में 29 दिसंबर को होने वाली है। इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद के नेताओं का दिल्ली में जमावड़ा लगा हुआ है। इस बैठक में क्या होगा, इस पर कुछ साफ नहीं है। चर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को हटाने तक की है। हालांकि ललन सिंह इससे इनकार कर रहे हैं। दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार पटना एयरपोर्ट पर जदयू की एकजुटता का दावा करते हुए दिल्ली निकले। लेकिन उनके जाते ही JDU के प्रदेश स्तर के नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। यह गुटबाजी भी ऐसी वैसी नहीं बल्कि लोकसभा सीट का झगड़ा है, जिसपर सार्वजनिक तौर पर कोई बात नहीं हुई है। मामला सीतामढ़ी सीट को लेकर उलझा हुआ है।
विधान परिषद सभापति ने खोला मोर्चा
दरअसल, बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर जदयू से हैं। उनके अनुसार नीतीश कुमार, ललन सिंह, लालू यादव और तेजस्वी यादव ने उन्हें सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से 2024 के चुनाव में लड़ने का निर्देश दिया है। देवेश चंद्र ठाकुर ने अपना जनसम्पर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। वे लोगों से मिल रहे हैं और लोकसभा चुनाव के बारे में बातें कर रहे हैं। लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर की यह तेजी पार्टी के प्रदेश महासचिव राणा रणधीर सिंह चौहान और सीतामढ़ी से जदयू के टिकट पर 2009 में चुनाव जीतने वाले अर्जुन राय को पसंद नहीं आ रही है। देवेश चंद्र ठाकुर का कहना है कि राणा रणधीर सिंह चौहान और अर्जुन राय उन पर स्वघोषित उम्मीदवार बनने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि मैं चुनौती देकर कहता हूं कि अगर महागठबंधन नेतृत्व ने मुझे चुनाव लड़ने का निर्देश नहीं दिया है, यह साबित होगा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अन्यथा ये लोग राजनीति छोड़ें।
देवेश चंद्र ठाकुर ने JDU के इन नेताओं पर तल्ख टिप्पणी भी की है। उन्होंने कहा है कि सभी अंधे मिलकर लीडरशिप चाहते हैं। आज तक उन लोगों ने जनता के लिए क्या किया है? गरीब, पिछड़े एवं किसानों के लिए क्या किया है? साथ ही उन्होंने पूर्व जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान को हत्यारा और पूर्व सांसद अर्जुन राय को बाहरी करार दिया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन नेतृत्व के निर्देश के बाद ही वे सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए लड़ा जाता है हारने के लिए नहीं। जो ढाई लाख वोट से भी हार चुके हैं वह किस हैसियत से टिकट की मांग कर रहे हैं। ठाकुर का निशाना अर्जुन राय पर है, जो 2019 में जदयू उम्मीदवार सुनील कुमार पिंटू से 2.50 लाख वोट से हारे थे। अर्जुन राय ने 2019 का चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा था।
सांसद पिंटू का हटना तय
एक तरह से जदयू नेताओं की इस लड़ाई में सीतामढ़ी सीट से मौजूदा JDU सांसद सुनील कुमार पिंटू की विदाई स्पष्ट हो गई है। सांसद पिंटू के सुर पहले से ही जदयू के खिलाफ निकल रहे थे तो दूसरी ओर जदयू के इन नेताओं का सीतामढ़ी सीट पर खींचतान करना भी, उनके जदयू से बाहर होने का प्रमाण है। बस उसकी आधिकारिक सूचना सांसद पिंटू देंगे या पार्टी नेतृत्व, इसी का इंतजार है।