राजभवन द्वारा रोक लगाने के बाद भी, शिक्षा विभाग ने कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक 28 फरवरी को बुलाई है। यह बैठक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में होगी। बैठक में विलंबित परीक्षाओं के साथ-साथ अन्य सत्रों की समय पर परीक्षा आयोजित करने की समीक्षा होगी।
राजभवन ने 2 और 3 मार्च को आयोजित होने वाले शिक्षा विभाग के उन्मुखीकरण कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों को भाग लेने से रोक लगा दी थी। राजभवन का कहना है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति ने इस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति नहीं दी है। शिक्षा विभाग ने राजभवन के आदेश को अनदेखा करते हुए कुलपतियों को 28 फरवरी की बैठक में भाग लेने के लिए बुलाया है। यह विभाग और राजभवन के बीच तकरार को और बढ़ा सकता है।
विवाद का मुद्दा:
- बिहार शिक्षा विभाग द्वारा 2 और 3 मार्च को आयोजित होने वाले उन्मुखीकरण कार्यक्रम (प्रशिक्षण) में विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों के भाग लेने पर राजभवन ने रोक लगाई है।
- शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी को कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलाई है।
राजभवन का पक्ष:
- राजभवन का कहना है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति की अनुमति के बिना कुलपति और अन्य विश्वविद्यालय अधिकारी शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकते।
- कुलपतियों को विभाग के प्रशिक्षण में आने पर रोक लगाने के लिए राजभवन ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र लिखा है।
शिक्षा विभाग का पक्ष:
- शिक्षा विभाग का कहना है कि यह बैठक विलंबित परीक्षाओं और अन्य सत्रों की समय पर परीक्षा आयोजित करने की समीक्षा के लिए है।
- विभाग ने कहा है कि बैठक में कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की उपस्थिति अनिवार्य है।
विवाद का प्रभाव:
- इस विवाद से राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।
- परीक्षाओं के आयोजन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में देरी हो सकती है।