बिहार के अरवल जिले में लोगों के बीच डर का माहौल है। यह डर किसी अपराधी या आपरीधिक घटनों को लेकर नहीं, बल्कि कुत्तों का है। जी हां, शहर में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा हुआ है कि लोग घर से निकल तक नहीं रहे है। आवारा कुत्तें हर दिन 30-40 लोगों पर हमला कर रहे है। इसके कारण अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लेने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, अरवल शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आवारा कुत्तों का आतंक बना हुआ है। फिलहाल इन आवारा कुत्तों से निपटने के लिए नगर परिषद और जिला पशुपालन विभाग के पास भी कोई इंतजाम नहीं है। जिससे संभावना जताई जा रही है कि अभी इस तरह के मामलों में और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके साथ ही टेटनस के इंजेक्शन की खपत भी बढ़ेगी।
वहीं, कुत्तों के काटने से रोजाना लोग लहूलुहान होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। हर माह 800-900 लोग कुत्तों के काटने से जख्मी हो रहे हैं। यह आंकड़ा अपने आप में काफी भयावह है। बस स्टैंड, चिकेन-मटन मंडी, सब्जी मार्केट जैसे जगहों से अधिकांश मामले सामने आ रहे है। जहां कुत्ते काफी आक्रामक दिख रहे है। फिलहाल आवारा कुत्तों को पकड़ने और उसके टीकाकरण की कोई व्यवस्था नहीं है।
मामले को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश पुरी ने कहा है कि टीकाकरण के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। आदेश आते ही आवारा कुत्तों का टीकाकरण और पकड़ कर रखने की व्यवस्था की जाएगी।