इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक होने के बाद हर रोज इसे लेकर नई जानकारी सामने आ रही है। बॉन्ड की डिटेल्स से ये भी मालूम चल रहा है किन कंपनियों की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कब-कब किस राजनीतिक दल को फंडिंग दी गई है। इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड भी इसको लेकर सुर्ख़ियों में आ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार में सत्ताधारी पार्टी- जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 10 करोड़ रुपये का अज्ञात चंदा मिला है। बिहार में जदयू के कार्यालय में मिले अज्ञात चंदे के बारे में जदयू ने चुनाव आयोग को बताया कि लगभग पांच साल पहले- साल 2019 में उनके दफ्तर पर लिफाफे में बंद 10 करोड़ रुपये का अज्ञात बॉन्ड पहुंचा। जिसे पाटी ने कुछ ही दिनों में भुना लिया, लेकिन दानदाताओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
जदयू ने कहा, ‘भारत सरकार की गजट अधिसूचना के अनुसार, हमने पटना के मुख्य एसबीआई ब्रांच में एक खाता खोला और चुनावी बांड को जमा किया। इसका पैसा 10-04-2019 को हमारी पार्टी के खाते में जमा किया गया। स्थिति को देखते हुए, हम दानदाताओं के बारे में अधिक जानकारी देने में असमर्थ हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग को बताया कि श्री सीमेंट और भारती एयरटेल से उसे इलेक्टोरल बांड के जरिए फंड प्राप्त हुआ।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने भी चुनाव आयोग को बताया कि डाक द्वारा उसे 10 बांड प्राप्त हुए में, जिसका मूल्य 10 करोड़ रुपये था। लेकिन देने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अखिलेश यादव के नेतृत्व बोली पार्टी ने बताया कि उसे एसके ट्रेडर्स, सेन बेवरेजेज, एके ट्रेडर्स, फेएस ट्रेडर्स, बीजी ट्रेडर्स और एएस ट्रेडर्स से चुनावी बांह के जरिए चंदा प्राप्त हुआ।
बता दें कि चुनाव आयोग ने रविवार को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सौंपे गए सैकड़ों सीलबंद लिफाफों के बारे में जानकारी सार्वजनिक की। बिहार की सत्तारुढ पार्टी द्वारा इलेक्शन कमीशन के पास की गई फाइलिंग से पत्ता चला कि उसे कुल 24 करोड रुपये से अधिक के चुनावी बांड मिले हैं।