बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दिवंगत आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
आनंद मोहन को 1994 में जी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। बाद में पटना हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। 2023 में नीतीश सरकार ने जेल नियमावली में संशोधन के बाद आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया था।
उमा कृष्णैया ने अपनी याचिका में कहा है कि नीतीश सरकार ने जेल नियमावली में मनमाने तरीके से संशोधन किया और आनंद मोहन को समय से पहले रिहा कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि आनंद मोहन एक खतरनाक अपराधी है और उसकी रिहाई से समाज में खतरा पैदा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले में सुनवाई 6 फरवरी को की थी और आनंद मोहन को हर 15 दिन में पुलिस थाने में हाजिरी लगाने और अपना पासपोर्ट जमा करवाने का निर्देश दिया था। आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट आनंद मोहन की रिहाई को लेकर फैसला सुना सकता है।