पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने जीत दर्ज कर ली है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय था। पूर्णिया सीट के लिए दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था। पूर्णिया सीट पर निर्दलीय पप्पू यादव ने मुकाबला दिलचस्प बना दिया था । वह दो बार निर्दलीय और एक बार सपा के टिकट पर यहीं से सांसद रहे हैं।
अगर और पहले का इतिहास देखें तो पूर्णिया सीट पर 2009 और 2004 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। राष्ट्रीय जनता दल ने पूर्णिया संसदीय सीट पर 1989 में कब्जा किया था। तब पार्टी के वरिष्ठ नेता मो. तस्लीमुद्दीन ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1991 और 1996 में यह सीट पप्पू यादव के कब्जे में रही। इस बार राजद ने यहां से बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया था। बीमा का मुकाबला पूर्व विजेता जदयू के संतोष कुशवाहा से था। लेकिन इन दोनों के बीच पप्पू यादव भी चुनाव मैदान में थे और निर्दलीय लड़ रहे थे।
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2019 का जनादेश
2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से जद(यू) प्रत्याशी संतोष कुमार कुशवाह ने जीत दर्ज की, उन्हें 6,32,924 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के उदय सिंह 3,69,463 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और आईएनडी के शुभाष कुमार ठाकुर 31,795 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। पूर्णिया लोकसभा संसदीय सीट पर 64.5 फीसदी मतदान हुआ था।
2014 का जनादेश
इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से जेडीयू के संतोश कुमार कुशवाहा ने बीजेपी के उदय सिंह को शिकस्त दी थी। संतोष कुमार को 4 लाख 18 हजार 826 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार उदय सिंह के खाते में 3 लाख 2 हजार 157 वोट आए थे। इसके अलावा कांग्रेस के उम्मीदवार अमरनाथ तिवारी को एक लाख 24 हजार 344 वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहे थे। यहां पर 2014 में 64.31 फीसदी मतदान हुआ था।