कहानी 3 साल की बच्ची आर्य की है। जिसे तीन साल पहले उसके मां-बाप ने गोपालगंज के हजियापुर इलाके में लावारिस छोड़ दिया था। जिसके बाद वहां की पुलिस ने बच्ची को एडॉप्शन सेंटर को सौंप दिया। लेकिन 3 साल बाद उस बच्ची को अमेरिकी दंपत्ति ने गोद लिया है। मामला उस अमेरिकी दंपति का है, जिन्होंने भारतीय संस्कृति से प्रभावित हो कर आर्य को गोद लेने की इच्छा एक साल पहले ही अर्जी के जरिए जताई थी। इस अर्जी के बाद जिला पदाधिकारी डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने कानूनी प्रक्रिया पूरी की और अमेरिकी दंपति को उस नन्हीं परी आर्य को सौंप दिया है।
एरिक थिसन और टेमरा डैना थीसन के पास 4 बेटें है
आर्य को गोद लेने वाले अमेरिका के दंपति ब्रेट एरिक थिसन और टेमरा डैना थीसन अमेरिका के केनसेस शहर में रहते हैं। टेमरा डैना थीसन बिजनेसमैन हैं। थीसन ने बताया कि उनके व्यव्सायिक क्षेत्र में भारतीय मूल के काफी लोग जुड़े हुए हैं और उन्हीं लोगों के प्रभाव से भारतीय संस्कृति से उनको काफी लगाव है। थीसन ने बताया कि उनके पास चार बेटे हैं। वहीं आर्या कि मां ने बताया कि आर्या अब हमलोगों के साथ अमेरिका जाएगी, वहां वह 4 भाइयों की बहन बनेगी, हम उसे स्कूल में पढ़ाएंगे, फिर कॉलेज भी जाएगी और जीवन की खुशियों का आनंद लेगी। उन्होंने बताया कि उन्हें भारतीय संस्कृति से काफी लगाव है।
कमिटी ने फ्री फॉर एडॉप्शन घोषित किया
लाइफ लाइन चिल्ड्रेन सर्विसेस की प्रतिनिधि डोली डेविड ने बताया कि अमेरिकन दंपत्ति आर्थिक रूप से काफी संपन्न हैं। अमेरिका में लाइफ लाइन एजेंसी के द्वारा गोद लेने के लिए इच्छा जाहिर करते हुए रजिस्ट्रेशन कराया गया था। वहीं आर्य को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी द्वारा बच्चा फ्री फॉर एडॉप्शन घोषित कर दिया गया था। अमेरिकन दंपति ने एक साल पहले लाइफ लाइन चिल्ड्रेन सर्विसेस को बच्ची को गोद लेने के लिए आवेदन दिया था। पोर्टल पर दिए गए आवेदन के बाद बच्ची उस दंपति को सौंप दी गई।