बिहारशरीफ में सोमवार को एक अजीबोगरीब घटना सामने आई, जिसमें एक कैदी पति को अपनी मृत पत्नी के अंतिम दर्शन करने और उन्हें दाह संस्कार के लिए विदाई देने की अनुमति दी गई। 30 वर्षीय महिला की महीनों से बीमारी के कारण मौत हो गई थी, और उनके पति रविंद्र यादव 4 साल से हत्या के एक मामले में मंडल कारा बिहारशरीफ में बंद थे।
महिला के बेटे ने, जो अपनी मां का इलाज कर रहा था, एडीजे 6 की अदालत में अर्जी दी कि रविंद्र यादव को उनकी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जाए। अदालत ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली और रविंद्र यादव को सोमवार को पेशी के दौरान कुछ घंटों के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति दी।
सोमवार दोपहर, रविंद्र यादव को हथकड़ी पहनाकर पुलिस ने बिहार थाने परिसर में ले जाया गया, जहां महिला का शव एक बस की छत पर रखा था। रविंद्र यादव ने अपनी पत्नी के माथे पर सिंदूर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और दाह संस्कार के लिए विदाई दी। इस मार्मिक दृश्य को देखकर मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए।
यह घटना हृदयस्पर्शी होने के साथ-साथ दुखद भी है। रविंद्र यादव को अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने का मौका तो मिला, लेकिन हथकड़ी पहनकर और पुलिस की निगरानी में। यह घटना एक बार फिर कैदियों के मानवाधिकारों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले प्रभावों को उजागर करती है।