गुरुवार 21 जुलाई की सुबह में हुई बारिश के कारण पंडई नदी का बढ़ा जलस्तर बढ़ गया है। हालांकि नदी अभी खतरे की निशान से नीचे है। लेकिन लोग जलस्तर बढ़ने से डरे हुए हैं। बारिश के लिए मची हहाकार से गुरुवार को हुई बारिश के बाद कुछ राहत मिली है।
ग्रामीणों ने लगाए पदाधिकारियों पर आरोप
पंडई नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद भी प्रशासन पर उदासीनता के आरोप लग रहे हैं। ग्रामीण आक्रोशित हैं। ग्रामीण बताते हैं कि हल्की बारिश में ही नदी का रौद्र रूप दिखाई दे दिया है। जब भी बरसात शुरू होने के पहले पदाधिकारियों के द्वारा क्षेत्र का लागातार भ्रमण किया जाता है। लेकिन अस्थाई रोधी कार्य नहीं किया जाता है। जल संसाधन विभाग के द्वारा जियो बैग से बांध बनवाया गया है। जबकि नदी की धारा को मोड़ने के लिए जेसीबी से नदी में पोईन चिरवाया गया है। लेकिन नदी ठीक विपरीत दिशा में पानी का प्रहार कर रही है। जिससे कभी भी कटाव शुरू हो सकता है। राष्ट्रपिता गांधी के सहयोगी रहे राजकुमार शुक्ला की प्रतिमा को पंडइ नदी कभी भी आगोश में ले सकती है।