राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच तकरार कम होता नहीं दिख रहा है। राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव के बीच अब 20 मार्च को राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और पदाधिकारियों की बैठक हुई। राजभवन की बुधवार की हुई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंचे। बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को भी बुलाया गया था, पर वह नहीं आए। विभाग की ओर से सचिव वैद्यनाथ यादव बैठक में शामिल हुए।
बैठक में कुलपतियों ने राज्यपाल को बताया कि शिक्षकों के अनेक पद रिक्त हैं. जिससे शिक्षण कार्य में कठिनाई हो रही है। नई शिक्षा नीति, 2020 के तहत पाठ्यक्रम में समावेश किये गये नए विषयों के शिक्षकों को भी नियुक्त किया जाना आवश्यक है। राशि के अभाव में शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतनादि के भुगतान में भी परेशानी हो रही है। विभाग की कार्रवाई से विवि के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, जो विद्यार्थियों के हित में नहीं है। कुलपति और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। विवि के खाता संचालन पर रोक लगा दी गई है। राजभवन के बिना संज्ञान में लाये विवि में बार-बार अंकेक्षण कराया जा रहा है।
दरअसल 15 मार्च को शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें कोई नहीं पहुंचा तो शिक्षा विभाग ने ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के वेतन रोक दिया। इतना हीं नहीं केके पाठक के विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर भी प्रतिबंध लगा दिया तो राजभवन ने 20 मार्च को बैठक बुलाई।
बैठक में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने रिक्त पदों पर बहाली, बैंक खाता संचालन, अंकेक्षण आपत्ति का निराकरण करने के निर्देश दिए। वहीं, कुलपतियों ने अपनी समस्याएं रखते हुए कहा कि खाता संचालन पर विभाग की रोक से कामकाज प्रभावित हो रहा है। राजभवन में आयोजित बैठक में राज्यपाल ने शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली हो, यह सुनिश्चित करें। यह भी कहा कि शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के दिन ही सेवांत लाभ का भुगतान कराएं। राज्यपाल ने बैंक खातों के संचालन, अंकेक्षण आपत्ति का निराकरण आदि की भी समीक्षा की एवं कई निर्देश दिए।