शिक्षा विभाग का कमान संभालते ही के के पाठक विवादों में आ गए है। कभी राजभवन तो कभी शिक्षक हर किसी से उनकी नाराजगी सामने आती रहती है। शिक्षकों और VC में भी उनके खिलाफ नाराजगी देखी जाती है, लेकिन के के पाठक अपने कड़े निर्दशों पर अडिग रहते हैं और निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर लगातार कार्रवाई करते रहते हैं। हालांकि इसबार उनका सामना कोर्ट से हुआ है और कोर्ट ने निर्देश पर रोक लगा दी है।
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यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते पाठक
दरअसल, केके पाठक द्वारा बुलायी गयी कई बैठकों में कोई वीसी नहीं पहुंचे थे जिसके बाद शिक्षा विभाग ने सारे यूनिवर्सिटी के बैंक खातों को फ्रिज करा दिया था, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा जहां हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से बैंक खातों पर लगी रोक को हटा दिया, साथ ही हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में सारे वीसी की बैठक बुलाने पर भी रोक लगा दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा विभाग की यूनिवर्सिटी के साथ बैठक होगी, लेकिन उसकी अध्यक्षता केके पाठक नहीं करेंगे, और ना ही बैठक शिक्षा विभाग में होगी, बल्कि किसी तटस्थ जगह पर होगी। पूरे बैठक की वीडियो रिकार्डिंग भी की जाएगी, इस बीच केके पाठक या शिक्षा विभाग किसी वीसी या यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर पायेंगे।