गृहमंत्री अमित शाह के दौरे ने जनता दल यूनाइटेड के सामने कई सवाल खड़े कर दिए। अमित शाह के बिहार दौरे के पहले दिन की रैली ने सवालों के तीर सिर्फ जदयू की ओर आए। जदयू में भी अधिकतर तीरों का निशाना नीतीश कुमार रहे। तो कुछेक तीर ललन सिंह की ओर भी आए। नीतीश कुमार ने निजी तौर पर अमित शाह के सवालों का जवाब नहीं दिया है। लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को अमित शाह के आरोपों-बयानों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 2017 में भाजपा के साथ जाना पार्टी की भूल थी। अब उस भूल का सुधार कर लिया गया है।
नीतीश-लालू के साथ पर भी बोले ललन
नीतीश कुमार और लालू यादव के साथ आने पर अमित शाह ने जंगलराज वाला तंज किया था। तो इसका जवाब देते हुए ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार और लालू यादव की विचारधारा समाजवादी है। 2017 में भूलवश साम्प्रदायिक विचारधारा में फंस गए थे। वो हमारी भूल थी। अब फिर दोनों एक साथ हैं। भाजपा मुक्त देश के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 2024 में अमित शाह को ट्रेलर और फिल्म दोनों दिख जाएगा।
‘भाजपा के मुंह में राम, बगल में छुरी’
ललन सिंह ने अमित शाह के नीतीश को धोखेबाज कहने पर जवाब दिया कि भाजपा के मुंह में राम-राम रहता है। बगल में छुरी चलाते हैं। नीतीश कुमार ने किसी को धोखा नहीं दिया। बल्कि भाजपा ने नीतीश कुमार और जदयू को धोखा दिया। 2019 तक सबकुछ ठीक रहा। लेकिन 2020 में जैसे ही लगा कि सीएम भाजपा का नहीं बनना है तो साजिश शुरू हो गई। भाजपा के नेताओं को क्षेत्रीय दल के साथ भेज दिया गया। जदयू के कार्यकर्ता भाजपा को भी जिताने में लगे थे लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता जदयू को हराने में लग गए।
‘हम तो 74 आंदोलन से आए, अपना इतिहास बताएं अमित शाह’
अमित शाह ने ललन सिंह को नया नया नेता बना दिया। इस पर बिफरे ललन सिंह ने कहा कि हम तो छात्र जीवन से नेता हैं। 74 के आंदोलन से राजनीति में आए हैं। अमित शाह अपना इतिहास बताएं कि वे कैसे नेता बनें? बिहार आए तो लगा कि कुछ जनता की बात करेंगे? लेकिन वे तो जंगलराज का सर्टिफिकेट बांटने लगे। नीतीश कुमार को बिहार की जनता हर बार सर्टिफिकेट दे रही है। भाजपा के सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है।
पीएम पद के उम्मीदवार नहीं, विपक्षी एकता के सूत्रधार बनेंगे नीतीश
वहीं ललन सिंह ने एक बार फिर दुहराया है कि नीतीश कुमार 2024 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे। वे बस विपक्षी एकता के सूत्रधार होना चाहते हैं। बिहार की भूमि तो परिवर्तन का केंद्र है। भाजपा मुक्त भारत के गठन का केंद्र बिहार ही बनेगा।